दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। दिल्ली पुलिस की स्पेसल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने ई-कॉमर्स कंपनियों की नकली वेबसाइट बनाकर खरीदारी करने के लिए लोगों को व्हाट्सएप पर लिंक भेजकर धोखाधड़ी करने वाले एक जैसे जालसाज को गिरफ्तार किया है जो देशभर में हजारों लोगों को ठग चुका था। इन नकली वेबसाइट से शॉपिंग करने के लिए जब लोग अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमान करते तो आरोपी उनके पासवर्ड तक पहुंच जाता और उनके बैंक खातों को खाली कर देता था।
बिगबास्केट, डीमार्ट और ब्लिंकिट एप पर ठगी
जानकारी के अनुसार गिरफ्तार आरोपी शमीम अख्तर वेव सिटी, गाजियाबाद का रहने वाला है। वह धोखाधड़ी करने वाले एक अतंरराज्यीय रैकेट का सरगना है। आरोपी बिगबास्केट, डीमार्ट और ब्लिंकिट पर खरीदारी के नाम पर अपने व्हाट्सएप पर लिंक भेजकर निर्दोष लोगों को धोखा देते थे। इसके बाद वे पीड़ितों को फोन तक पहुंचते थे और ओटीपी चुरा लेते थे।
पीड़ित ने की स्पेशल सेल में शिकायत
जानकारी के अनुसार आईएफएसओ की स्पेशल सेल को एक शिकायत मिली थी जिसमें पीड़ित ने कहा कि वो फेसबुक पर सर्फिंग कर रहा था, जहां उसने बिगबास्केट पर उपलब्ध एर आकर्षक ऑफर के बारे में एक विज्ञापन देखाष इसलिए उसने शॉप नाउ टैब पर क्लिक किया और निर्देशों का पालन किया। जिसके बाद उसके क्रेडिट से 98000 रूपये कट गए।
कई राज्यों में फैला है यह रैकेट
जांच के दौरान मनी ट्रेल और डिजीटल फुटफ्रिंट की पहचान करने का काम शुरु हुआ। मनी ट्रेल और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के विश्लेषण से पता चला कि यह रैकेट कई राज्यों में फैला हुआ है और कई स्तरों पर चल रहा है। इशके द्वारा 15 से ज्यादा पीड़ितों को धोखा दिया गया है।
ठगी करने वाले दो मुख्य आरोपी गिरफ्तार
जांच के दौरान दो आरोपी सोनम और जुनेद अख्तर को 5 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया। आरोपी सोनम ने खुलासा किया कि वो शाहरूख अख्तर के निर्देश पर राजनगर एक्सटेंशन कॉल सेंटर से मासूम पीड़ितों को टेली-क़ल कर रही थी। वह पीड़ितों को फर्जी नंबर से कॉल करती थी और सिम कार्ड और बैंक खाते की व्यवस्था शाहरूख करता था। दूसरे आरोपी जुनेद ने खुलासा किया कि वह पैसे इकट्ठा करने के लिए बैंक खाते मुहैया कराता था और एटीएम कार्ड के द्वारा नकदी निकालता था और उसे मास्टरमाइंड शाहरूख अख्तर और उसकी पत्नी के निजी खाते में जमा करवाता था। अब शाहरूख अख्तर की गिरफ्तारी की कोशिशें शुरू हुई।
मुख्य आरोपी शाहरूख अख्तर ने बताया सच
शाहरूख अख्तर को गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। उसने बताया कि टेली-कॉलिंग के लिए फर्जी सिम कार्ड खरीदे, पैसे प्राप्त करने के लिए फर्जी बैंक खाते खोले और बिगबास्केट, डीमार्ट और ब्लिंकिट के नाम पर फर्जी वेबसाइट चलाने के लिए डोमेन भी खरीदे। मामूरा में कॉल सेंटर चलाकर सभी चीजों का प्रबंधन किया। पिछले एक साल में उसने निजी बैंक में 30 लाख नकद रखे और एक कार भी खरीदी। मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार डीसीपी ने बताया कि इस मामले में शाहरूख अख्तर मुख्य आरोपी है और पूरे नेक्सस का सूत्रधार है। उसने 12वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की है और उसके पिता एक सरकारी सेवानिवृत्त हैं। इस मामले की जांच अभी जारी है।