लक्षिमा की मौत के बाद जागा प्रशासन, इस महीने तक सड़क पहुंचाने का लोनिवि ने किया दावा

पिथौरागढ़ के आलम दारमा गांव की लक्षिमा देवी की सड़क ना होने के कारण बीते दिनों जान चली गई थी। उनकी मौत के बाद प्रशासन नींद से जागा है। लोक निर्माण विभाग ने आलम दारमा गांव तक जून के महीने तक सड़क पहुंचाने का दावा किया है।

11 जनवरी को हो गई थी लक्षिमा देवी की मौत
आलम दारमा गांव की लछिमा देवी (58) को 10 जनवरी की शाम को हार्ट अटैक पड़ा था। जिसके बाद वो बेहोश हो गई थी। रात का समय होने के ग्रामीण उन्हें अस्पताल नहीं ले गए क्योंकि गांव से सड़क काफी दूर थी। ग्रामीणों ने सुबह होने का इंतजार किया। 11 जनवरी को सुबह होते ही परिजन महिला को डोली के सहारे आठ किमी बदहाल पैदल रास्ते से ले जाकर सड़क तक लाए। जिसके बाद उन्हें 100 किमी दूर जिला अस्पताल पहुंचाया गया। यहां से लक्षिमा देवी को हायर सेंटर बरेली रेफर कर दिया गया। बरेली को ले जाते हुए उन्होंने चल्थी (टनकपुर) में ही दम तोड़ दिया था।

जून 2024 तक गांव तक सड़क पहुंचाने का किया दावा
सड़क सुविधा से वंचित आलम दारमा गांव तक पहुंचने के लिए गोरी नदी के ऊपर पुल बनाया जाएगा। पुल का निर्माणजून 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस पुल के बन जाने से आलम, दारमा, मवानी और दवानी गांव के लोगों को यातायात सुविधा मिल जाएगी।

आपको बता दें कि आलम दारमा गांव आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक यातायात सुविधा से नहीं जुड़ पाया है। जबकि ये गांव कोई आम गांव नहीं है। इस गांव से नौ लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया है। गांव तक सड़क तो कट चुकी है लेकिन नदी पर पुल नहीं बना है। जिस कारणलोगों को पैदल आवागमन करना पड़ता है।

सात किलोमीटर पैदल डोली से सड़क पर लाते हैं बीमार को
सड़क के गांव तक ना पहुंचने के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गांव में किसी क बीमार होने पर उसे आठ किमी बदहाल पैदल रास्ते से पैदल डोली से सड़क तक लाना पड़ता है। जिस कारण कई लोगों को इलाज मिलने में देरी हो जाती है और इसी कारण लक्षिमा देवी की मौत हो गई थी।लोनिवि ने जून 2024 तक पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लेने का दावा किया है

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