
हल्द्वानीः देवभूमि में अवैध तरीके से रह रहे विशेष समुदाय के लोगों के विरुद्ध सरकार सख्त कार्रवाई के मूड में आ गई है। धामी सरकार के निर्देश पर पुलिस प्रदेश में सत्यापन अभियान के बहाने विशेष समुदाय के लोगों की कुंडली खंगाल रही है। अपराधिक रिकार्ड खंगालने के अलावा यह पता लगाया जा रहा है कि विशेष समुदाय के लोग किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि कुमाऊं में विशेष समुदाय के 300 से अधिक लोग न केवल अवैध तरीके से निवास कर रहे हैं, बल्कि पहाड़ के गरीब लोगों को मिलने वाला सरकारी राशन भी खा रहे हैं।
नैनीताल जिले में 12 वर्षीय मासूम से विशेष समुदाय के 72 वर्षीय उस्मान नाम के युवक ने दुष्कर्म किया था तो वहीं ऊधम सिंह नगर के खटीमा में मुश्ताक ने पूजा मंडल का सिर धड़ से अलग कर दिया था। दोनों घटनाओं के बाद उपजे जन आक्रोश व जन भावनाओं को देखते हुए सरकार एक्शन में आ चुकी है। खटीमा के आरोपित के घर पर बुलडोजर चल गया और नैनीताल का आरोपित जेल में बंद है। इसी क्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने डीजीपी दीपक सेठ को पूरे प्रदेश में 15 दिन सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए। कुमाऊं के छह जिले में पुलिस खासकर विशेष समुदाय के इलाकों में सत्यापन अभियान चलाकर लोगों का रिकार्ड चेक कर रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि वह मूल निवासी कहां के हैं और किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। पिछले चार दिनों में पुलिस छह जिलों में एक हजार से अधिक लोगों का सत्यापन का चुकी है। इस दौरान सामने आया है कि 300 से अधिक लोग मूलरूप से रामपुर व मुरादाबाद जिले के निवासी हैं, लेकिन उत्तराखंड में भी आधार कार्ड व राशन कार्ड बनाकर रह रहे हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि विशेष समुदाय के लोगों के राशन कार्ड व आधार कार्ड स्थानीय पार्षदों ने बनाए, यानी वोट बैंक के लिए उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया गया है। पार्षदों ने अपने लेटर पैड में लिखकर दिया कि व्यक्ति स्थानीय निवासी है। इसी आधार पर उनके आधार कार्ड बन गए। अधिकांश लोगों के पास दो-दो जिलों के आधार कार्ड भी मिले हैं। ऐसे में राशन दोनों जिले से उठाने की भी बात सामने आ रही है।
प्रदेश में व्यापक स्तर पर सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान न केवल अपराधिक रिकार्ड खंगाला जा रहा, बल्कि यह भी देखा जा रहा है कि विशेष समुदाय के लोग किन योजनाओं का लाभ गलत तरीके से ले रहे हैं। तमाम गड़बड़ी सामने आ रही हैं। ऐसे मामलों में शीघ्र कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दीपम सेठ, डीजीपी, उत्तराखंड