राज्य निर्वाचन आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस, लोकसभा चुनाव से जुड़ी सभी बातें जानें यहां

राज्य निर्वाचन आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राज्य निर्वाचन अधिकारी बी वी आर सी पुरूषोत्तम ने बताया कि इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य में 75 प्रतिशत मतदान हो सके इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। बता दें कि साल 2019 में 61 प्रतिशत मतदान प्रतिशत रहा था।

उत्तराखंड में कुल 82 लाख 43 हजार 207 मतदाता हैं। प्रदेश में कुल 11 हजार 729 मतदान केंद्र हैं। उत्तराखंड में सर्विस वोटर लगभग 93 हजार, पुरुष मतदाता लगभग 42 लाख और महिला मतदाता 39 लाख के करीब हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए उत्तराखंड में 19 अप्रैल को मतदान होगा। 20 मार्च से नामांकन पत्रों कि बिक्री शुरू होगी। 27 मार्च है नामांकन के लिए आखिरी तारीख है। जिसके बाद 28 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। जबकि 30 मार्च तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकते हैं।

प्रदेश में 11729 पोलिंग बूथ
प्रदेश में 11729 पोलिंग बूथ हैं। 30 पोलिंग बूथ ऐसे जहां के लिए 3 दिन पहले पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी। प्रदेशभर में 1410 संवेदनशील पोलिंग बूथ चिन्हित हुए हैं। इन पोलिंग बूथों पर सुरक्षा के लिहाज से नोडल ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं और 40 से 42 हजार पुलिस फोर्स तैनात की गई है। इसके साथ ही 115 कंपनी अर्ध सैनिक बलों की तैनात भी की जाएगी। राज्य से बाहर 5 पुलिस फोर्स की कपनियां अन्य राज्यों में जाएंगी।

लाइसेंसी अस्त्र को जमा करने की कार्यवाही कल से होगी शुरू
सीमावर्ती 93 चैक प्वाइंट ऐसे हैं जहां पर सुरक्षा कड़ी रहेगी। यहां पर सीसीटीवी लगा दिए गए हैं। इसके साथ ही लाइसेंसी अस्त्र को जमा करने की कार्यवाही कल से शुरू होगी। समन्वय के लिए रणनीति तैयार कर ली गई है। प्रदेश में लगभग 47 हजार लाइसेंसी अस्त्र हैं।

मंगलौर विधानसभा में अभी नहीं होगा उपचुनाव
इस बार चुनाव में धन बल को रोकने और अवैध शराब पर लगाम लगाने की चुनौती होगी। मौके पर पकड़ी गई शराब और पैसे तत्काल जब्त होगें। जिसकी वहीं पर एंट्री की जाएगी। इसके साथ ही अभी मंगलौर विधानसभा पर उप चुनाव नहीं होगा। मामला हाईकोर्ट में लंबित होने के चलते अभी उप चुनाव नहीं होगा।

साल 2022 में कहीं नहीं हुआ था चुनाव बहिष्कार
दूसरे राज्य से 15 हजार होमगार्ड की डिमांड राज्य द्वारा भेजी गई है। इसके साथ ही राज्य निर्वाचन अधिकारी बी वी आर सी पुरूषोत्तम ने बताया कि साल 2019 में 29 ऐसी जगहें चिन्हित हुई थीं जहां पर चुनाव का बहिष्कार हुआ था। जबकि साल 2022 में 2022 में ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां चुनाव बहिष्कार हुआ हो।

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