हल्द्वानी: बर्ड फ्लू अलर्ट! संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन ने दिए यह दिशा-निर्देश..

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नैनीताल- बर्ड फ्लू संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है। जिसके तहत मुख्य विकास अधिकारी अनामिका की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक की गई। बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

गुरुवार को आयोजित बैठक में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) की रोकथाम के लिए एक आपात बैठक आहूत की गई। निकटवर्ती राज्य एवं ऊधम सिंह नगर जनपद में बर्ड फ्लू की पुष्टि के परिप्रेक्ष्य में, जनपद नैनीताल में संभावित संक्रमण से सुरक्षा हेतु विभिन्न निर्णय लिए गए एवं दिशा-निर्देश जारी किए गए।

जिसमें कुक्कुट उत्पादों के आवागमन पर प्रतिबंध..

उत्तर प्रदेश एवं ऊधम सिंह नगर से किसी भी प्रकार के कुक्कुट पक्षियों, अंडों एवं कुक्कुट मांस का जनपद नैनीताल में एक सप्ताह हेतु प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। यह प्रतिबंध दिनांक 14 अगस्त 2025 से प्रभावी रहेगा एवं आवश्यकता अनुसार इसकी समीक्षा की जाएगी।

निगरानी एवं सैंपलिंग: मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (CVO) द्वारा जनपद के संवेदनशील क्षेत्रों, पोल्ट्री फार्मों एवं जलाशयों में सघन निगरानी एवं सैंपलिंग कराई जाएगी। प्रतिदिन की रिपोर्ट जिला प्रशासन को प्रस्तुत की जाएगी।

सीमा निगरानी एवं चेक पोस्ट: पुलिस एवं परिवहन विभाग.. जनपद की सीमाओं पर चेक पोस्ट स्थापित कर सुनिश्चित करें कि कोई भी प्रतिबंधित सामग्री जनपद में प्रवेश न करे।

बायो-सिक्योरिटी उपायों का पालन:
सभी पोल्ट्री फार्म संचालकों को बायो-सिक्योरिटी प्रोटोकॉल– का पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा,जिसमें नियमित कीटाणुशोधन, सीमित बाहरी प्रवेश, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग, मृत पक्षियों का सुरक्षित निस्तारण। उल्लंघन की स्थिति में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

वन विभाग की भूमिका: जलाशयों, जल स्रोतों, पक्षी विहार क्षेत्रों में निरंतर निगरानी की जाए। असामान्य पक्षी मृत्यु की स्थिति में तत्काल सूचना CVO को दी जाए।

अधिशासी अधिकारी नगर पालिका एवं जिला पंचायत की जिम्मेदारी: नगर पालिका परिषदों के EO एवं जिला पंचायत अधिकारी अपने क्षेत्रों में: साफ-सफाई, अपशिष्ट निस्तारण एवं जीवाणुनाशक छिड़काव सुनिश्चित करें। पोल्ट्री विक्रय स्थलों एवं स्लॉटर हाउस में विशेष निगरानी रखें।

प्रशासनिक समन्वय: सभी उप जिलाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में निर्देशों के अनुपालन की निगरानी करेंगे।

पशुपालन, पुलिस, परिवहन, वन, नगर निकाय, जिला पंचायत एवं अन्य विभाग आपसी समन्वय से कार्य करेंगे

जनजागरूकता एवं सूचना प्रबंधन: जनमानस में भय उत्पन्न न हो, इसके लिए सूचना को सटीक, स्पष्ट एवं संतुलित रूप से प्रसारित किया जाए।

किसी भी प्रकार की भ्रामक या असत्य जानकारी (Misinformation) का तत्काल खंडन एवं नियंत्रण किया जाए।

आमजन से भी अपील की है कि वे केवल सरकारी स्रोतों से प्राप्त सूचना पर विश्वास करें और अफवाहों से बचें।

इस अवधि में कच्चे या अधपके अंडे व चिकन का सेवन न करें, केवल पूरी तरह पके हुए पोल्ट्री उत्पादों का ही उपयोग करें।

समीक्षा बैठक: एक सप्ताह बाद पुनः बैठक आयोजित कर स्थिति की समीक्षा की जाएगी। निगरानी रिपोर्ट एवं विशेषज्ञ परामर्श के आधार पर आगामी रणनीति तय की जाएगी।

इस सम्बन्ध में समस्त विभागों, अधिकारियों एवं संबंधित संस्थाओं को भी निर्देश दिए हैं कि वह भी आदेशों का तत्काल अनुपालन करते हुए किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें।

बैठक में जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी गोस्वामी, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सहित नगर निगम, स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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