कांग्रेस की केदारनाथ बचाओ यात्रा अपने अंतिम पड़ाव में है। लेकिन कांग्रेस की यात्रा में प्रकृति बड़ा रोड़ा बन रही है। विपरीत मौसम और भारी बारिश से केदारनाथ बचाओ यात्रा कर रहे कांग्रेसियों के लिए चुनौती बन रही है। लेकिन इसके बाद भी यात्रा चल रही है और कांग्रेसियों का जोश हाई है।
करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र केदार घाटी इस वक़्त चर्चाओं में है। आपदा और कांग्रेस की केदारनाथ रक्षा प्रतिष्ठा यात्रा को लेकर केदारघाटी की चर्चा हो रही है। कांग्रेस की पदयात्रा गुप्तकाशी से प्रस्थान कर सोनप्रयाग पहुंचेगी। कांग्रेस के प्रदेश संगठन उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि गुप्तकाशी से यात्रा प्रस्थान कर आज सोनप्रयाग पहुंचेगी। मथुरा दत्त जोशी ने कहा हालांकि कई जगहों पर भूस्खलन के चलते मार्ग बाधित है लेकिन यात्री रुकेंगे नहीं। यात्री गांव के रास्तों से होते हुए सोनप्रयाग पहुंचेंगे।
केदारनाथ बचाओ यात्रा में कांग्रेसियों का जोश हाई
केदारनाथ बचाओ यात्रा में कांग्रेसियों का जोश हाई है। कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता एकजुटता के साथ पदयात्रा कर रहे हैं और लगातार आगे बढ़ रहे हैं कांग्रेस के प्रदेश संगठन उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि इस पदयात्रा में जो भी सहयोगी हैं उनकी सराहना होनी चाहिए।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सहित अन्य लोगों के पैरों में भी छाले पड़ गए हैं। लेकिन जिस तरीके से भाजपा ने आस्था के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है उसके खिलाफ ये यात्रा है और प्रदेश अध्यक्ष के पैरों में छाले पड़ने के बावजूद वो लगातार इस यात्रा में चल रहे हैं।
यात्रा में रोड़ा बन रही है प्रकृति
कांग्रेस की पदयात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे ही कांग्रेस के सामने चुनौतियां भी आ रही हैं। केदारनाथ में देर रात अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग का 30 मीटर का हिस्सा मंदाकिनी नदी में समा गया। जिस से केदारनाथ पैदल मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यात्रा पूरी करना एक चुनौती बनी हुई है।
विपरीत मौसम के बाद भी जारी है यात्रा
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सभी यात्री पूरी तरह सुरक्षित है बस पांव में घाव और छाले हैं। उन्होंने कहा कि सोनप्रयाग में जो अप्रिय घटना घटी है जिन लोगों को जान-माल का नुकसान हुआ है उनके प्रति कांग्रेस की संवेदनाएं हैं। करन माहरा ने कहा कि वो प्रयास करेंगे कि सभी यात्री सुरक्षित बाबा केदार जाएं। उन्होंने बताया कि आगे की यात्रा को लेकर बैठक में निर्णय लिया जाएगा और बाबा केदार तक जल अवश्य जाएगा।