

मध्यप्रदेश में धर्म और सामाजिक विचारधारा को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। इस बार मामला जुड़ा है प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से, जिनका हाल ही में एक सामाजिक जागरूकता से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इस वीडियो में उन्होंने…
मध्यप्रदेश में धर्म और सामाजिक विचारधारा को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। इस बार मामला जुड़ा है प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से, जिनका हाल ही में एक सामाजिक जागरूकता से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इस वीडियो में उन्होंने युवाओं के बीच बढ़ती “बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड” जैसी प्रवृत्तियों पर चिंता जाहिर करते हुए लोगों को सचेत रहने की सलाह दी थी। लेकिन उनके विचारों पर असहमति जताते हुए एक युवक ने उन्हें जान से मारने की धमकी दे डाली, जिससे माहौल गर्मा गया है।
वीडियो से फैला संदेश, फिर शुरू हुआ विवाद
संत प्रेमानंद महाराज का एक बयान जिसमें उन्होंने युवाओं के बीच फैले ब्रेकअप-पैचअप और संबंधों के अस्थायी व्यवहार पर अपनी चिंता जताई थी, कुछ लोगों को आपत्तिजनक लगा। उन्होंने कहा था कि यह चलन युवाओं का भविष्य अंधकारमय कर रहा है और पारिवारिक तथा सामाजिक ढांचे को नुकसान पहुंचा रहा है। यह वीडियो वायरल होते ही समर्थन और विरोध दोनों तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं।
फेसबुक पर दी गई धमकी, आरोपी ने खुद को बताया पत्रकार
विवाद उस समय और गंभीर हो गया जब सतना जिले के एक युवक, जिसने खुद को पत्रकार बताते हुए “शत्रुघ्न सिंह” नाम से फेसबुक प्रोफाइल बनाई है, ने संत प्रेमानंद महाराज को खुलेआम हत्या की धमकी दे डाली। युवक ने वायरल वीडियो पर कमेंट करते हुए लिखा कि यदि यह बात उसके परिवार के बारे में कही गई होती, तो वह महाराज की गर्दन उतार देता।
इस तरह की खुलेआम धमकी ने सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलते हुए कई लोगों को नाराज कर दिया, जबकि कुछ लोगों ने उस युवक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी की है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे विवाद
धार्मिक प्रवचनों के बाद विवाद खड़ा होना कोई नई बात नहीं है। कुछ हफ्तों पहले ही अनिरुद्धाचार्य नामक एक अन्य कथा वाचक के बयान पर बवाल मच गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि “25 साल की उम्र तक लड़कियों के कई ब्रेकअप हो जाते हैं।” उनके बयान पर भी सोशल मीडिया पर जमकर बहस छिड़ी थी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि संत प्रेमानंद महाराज या उनके समर्थकों द्वारा कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई गई है या नहीं। लेकिन इस तरह की धमकी को लेकर कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो यह प्रवृत्ति धार्मिक नेताओं की सुरक्षा को लेकर बड़ी चुनौती बन सकती है।