Chardham Yatra Updates : चारधाम यात्रा पर आने का ये समय है बेस्ट, यहां जानें पूरी जानकारी

चारधाम यात्रा कुछ ही दिनों में शुरू होने जा रही है। चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं। अब तक 20 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। लेकिन इस बीच लोगों के मन में कई सवाल हैं। इन्हीं में से एक सवाल है कि चारधाम यात्रा पर आने का सबसे सही समय कौन सा है।

हिंदू धर्म की खास यात्राओं में से एक है चारधाम यात्रा
चारधाम यात्रा पर आने के सही समय के बारे में कुछ लोग कहते हैं कि मई से जून के बीच का समय सही रहता है तो कुछ लोग कहते हैं कि इस दौरान गर्मी होती है तो इसलिए सितंबर से अक्टूबर का समय सबसे सही रहता है। चारधाम यात्रा हिंदू धर्म की खास यात्राओं में से एक है। इस यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के दर्शन किए जाते हैं। बता दें कि ये यात्रा बाएं से दाएं की जाती है। जिसमें सबसे पहले युमनोत्री फिर गंगोत्री उसके बाद केदारनाथ और अंत में बद्रीविशाल के दर्शन किए जाते हैं।

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चारधाम ——-
चारधाम यात्रा पर आने का ये समय है बेस्ट ( best time to visit Char Dham yatra)
ऐसा कहा जाता है जो कोई भी चारधाम यात्रा यात्रा को पूरा कर लेता है उसे इस मृत्यु लोक से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन ये यात्रा इतनी आसान नहीं होती। क्योंकि विपरीत भौगोलिक परिस्थितियां और मौसम जैसे सर्दियों में बर्फबारी से लेकर गर्मियों और मानसून में भूस्खलन का डर इस यात्रा को और चैलेंजिंग बना देता है।

अगर आप चारधाम यात्रा करने का अनुकूल समय खोज रहे हैं तो आपको बता दें गर्मी के समय में मई से लेकर जून तक चारधाम यात्रा के लिए सबसे बेस्ट रहता है। चारधाम यात्रा के पिछले आंकड़ों पर एक नजर डालें तो सबसे ज्यादा लोग गर्मी के मौसम में ही चार धामों के दर्शन करने के लिए उत्तराखंड आए हैं। तब यहां मौसम सुहावना और तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है जो कि ट्रैकिंग के लिए भी अच्छा समय है। इस मौसम में लोग इन धामों को अच्छे से एक्सप्लोर कर पाते हैं।

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मानसून में लंबा हो सकता है यात्रा का समय
बात करें मानसून की तो मानसून में तारधाम यात्रा पर आप तब ही आएं जब आपके पास पर्याप्त समय हों। क्योंकि इस दौरान पहाड़ों पर भारी बारिश होती है, जिस कारण भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। कई स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण रास्ते बाधित हो जाते हैं।

मानसून में सड़कें बंद होने से आपको यात्रा को पूरी करने में ज्यादा समय लगता है। इसके साथ ही आपको मानसून के समय में अपने साथ रेनकोट थोड़े से हल्के गर्म कपड़े भी अपने साथ रखने पड़ते हैं। जिस कारण आपके सामान का बोझ बढ़ सकता है और आपको पैदल ट्रैक करने में दिक्कत हो सकती है।

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मानसून में यात्रा करते श्रद्धालु—–
मानसून के बाद यात्रा के साथ उठाएं हरे भरे नजारों का आनंद
मानसून के बाद सितंबर अंत और अक्टूबर से लेकर नवंबर तक आप चारधाम यात्रा के साथ ही हरे-भरे नजारों का आनंद ले सकते हैं। इस मौसम में आप हरे भरे नजारों का आनंद उठाते हुए यात्रा कर सकते हैं। प्रकृति की खूबसूरती को निहारते हुए इस मौसम में यात्रा आपकी यात्रा को यादगार बना सकते हैं।

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चारधाम में बर्फबारी ——-
इसके अलावा अगर आप सर्दियों में चारधाम यात्रा करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको बता दें इस दौरान पहाड़ों में भारी बर्फबारी होती है। इसके साथ ही इस दौरान मंदिर के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। तो आप इस दौरान दर्शन नहीं कर सकते

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