डेंगू को लेकर दून अस्पताल में व्यवस्थाओं के दावे फेल, हकीकत निकली कुछ और ही

उत्तराखंड में मानसून सीजन आने में अभी समय है लेकिन डेंगू को लेकर अस्पतालों ने अपनी तैयारी अभी से शुरू कर दी है। राजधानी देहरादून के सबसे बड़े दून अस्पताल में डॉक्टर की स्पेशल ट्रेनिंग करवाई गई है और डेंगू के मरीजों के लिए वार्ड भी रिजर्व रखने की बात अस्पताल प्रबंधन की ओर से की गई। लेकिन जब ग्राउंड जीरो पर जाकर व्यवस्थाओं को परखा गया तो हकीकत कुछ और ही निकली।

मानसून सीजन में डेंगू के मामले पूरे उत्तराखंड में चिंता सता रही है। हर साल डेंगू के मामलों में तेजी दिखाई देती है। जिसको देखते हुए मानसून सीजन से पहले अस्पताल अस्पतालों में तैयारी शुरू कर दी गई है। राजधानी देहरादून के दून अस्पताल में डॉक्टरों की विशेष रूप से ट्रेनिंग कर दी गई है।

अस्पताल के भीतर 19 बेड का जनरल वार्ड भी बनाया जा रहा है। इसके साथ ही ना बेड का आईसीयू वार्ड भी तैयार किया जा रहा है। दून हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि मानसून सीजन में डेंगू के मामलों को देखते हुए अस्पताल में कई व्यवस्थाएं की गई है और दोनों अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से तैयार है।

पिछले साल सामने आए थे डेंगू के 3000 से ज्यादा मामले

आपको बता दें कि उत्तराखंड में डेंगू के मामले में हर साल वृद्धि होती है पिछले मानसून सीजन के दौरान डेंगू का आंकड़ा पूरे प्रदेश में 3000 को पार कर गया था। जिसमें अकेले देहरादून में 1000 से ज्यादा मामले थे। जबकि पौड़ी में 736 मामले सामने आए थे इसके अलावा हरिद्वार में 500 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे। जबकि नैनीताल में 489 और उधम सिंह नगर में 98 मामले दर्ज किए गए थेय़

2023 में डेंगू से हुई थी 16 से ज्यादा मौतें
पिछले साल उत्तराखंड में डेंगू से 16 मौतें हुई थी। जिनमें से 13 मौतें अकेले देहरादून हुई थी। जबकि तीन मौतें नैनीताल जनपद में हुई थी। दून अस्पताल में जाकर जब डेंगू की तैयारियों का परखा गया तो वहां ना ही डेंगू के लिए किसी तरह का जरनल वार्ड तैयार किया गया है और ना ही आईसीयू वार्ड तैयार किया गया है

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