चंपावत व पिथौरागढ़ जिले की लाइफ लाइन माने जाने वाला टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच पिछले चार दिनों से स्वाला में बंद चल रहा है. जिसके चलते सैंकड़ों वाहन और यात्री पिछले चार दिनों से एनएच में फंसे हुए हैं. जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं.
एनएच बंद होने से अब चंपावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़ नगरों में सब्जी सहित अन्य जरूरी वस्तुओं की किल्लत होने लगी है. आवाजाही बंद होने से एनएच में सन्नाटा पसरा हुआ है. एनएच की मशीने युद्ध स्तर पर स्वाला में बंद पड़े एनएच को खोलने का कार्य कर रही है. एनएच के अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार ने बताया स्वाला में एनएच खोलने के प्रयास लगातार जारी है. रैंप बनाकर फंसे हुए यात्रियों को पैदल निकला जा रहा है.
NH को हुआ तीन करोड़ से अधिक का नुकसान
अधिशासी अभियंता के मुताबिक अगर पहाड़ी से मलवा पत्थर नहीं आता है तो आज शाम तक एनएच को खोल दिया जाएगा. उन्होंने बताया लोहाघाट की पाटन नर्सरी में एनएच में वैकल्पिक मार्ग तैयार कर लिया गया है. जिसमें आज वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी. अन्य जगहों में बंद पड़े एनएच को खोल दिया गया है. अधिशासी अभियंता ने बताया इस आपदा में एनएच को तीन करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है.
स्वाला का डेंजर जोन प्रशासन और जनता के लिए बना सिर दर्द
एनएच बंद होने से पिछले चार दिनों से फंसे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि प्रशासन के द्वारा यात्रियों के रहने व खाने की व्यवस्था की है. वहीं चार दिनों से परिवहन निगम की सेवाएं बंद होने से लोहाघाट डिपो को 15 लाख से अधिक का नुकसान हो चुका है. डीएम चंपावत ने एनएच के अधिकारियों को जल्द एनएच खोलने के निर्देश दिए हैं. बता दें स्वाला का डेंजर जोन प्रशासन और जनता के लिए बड़ा सर दर्द बन चुका है. पहाड़ी से आ रहे पत्थर कभी भी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकते हैं.