पीने के पानी का अकाल, बूंद-बूंद को तरस रहे लोग, 100 किमी दूर से आ रहा पेयजल

गर्मी शुरु होने से पहले ही कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में पीने के पानी का अकाल नजर आ रहा है। लाखों लोग यहां पीने के पानी की कमी की परेशानी का सामना कर रहे हैं। इसको लेकर सरकार की ओर से सभी प्रयास किए जा रहे हैं। बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि सभी को पानी मुहैया कराने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।

बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. वी. राम प्रसाद मनोहर ने कहा, बेंगलुरु शहर के निवासियों के लिए 2100 एमएलडी पानी की आवश्यकता है। प्रति दिन 1450 पानी पंप किया जा रहा है। अतिरिक्त 110 गांवों में पानी उपलब्ध कराने का काम भी चल रहा है। हमारे भूजल स्तर में भारी गिरावट आई है। जानकारी के मुताबिक अपार्टमेंट में रहने वाले लोग पहले बोरवेल के पानी पर निर्भर थे, अब वे जल बोर्ड पर निर्भर हैं। 100 किलोमीटर दूर कावेरी नदी का पानी बेंगलुरु आ रहा है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बेंगलुरु ऐसा करे पीने के पानी की समस्या नहीं है।

कार धोने और बागवानी करने पर देना होगा जुर्माना
साफ पानी की कमी को देखते हुए कर्नाटर सरकार भी सख्त हो गई है। गंभीर जल संकट के बीच, कर्नाटक जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने कार धोने, बागवानी, भवन निर्माण, पानी के फव्वारे और सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए पीने के पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश का उल्लंघन करने पर 5000 रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा।

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