सूखे से आलू की फसल तबाह, किसानों ने की जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग

चंपावत जिले में लंबे समय से बारिश न होने के चलते सूखा पड़ गया है। पर्वतीय क्षेत्र में किसानों की फसलें पूरी तरह तबाह हो गई हैं। बारिश ना होने कारण आलू की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। जिस कारण किसान निराश है। किसानों ने जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है।

चंपावत जिले में लंबे समय से बारिश न होने के चलते सूखा पड़ गया है। बारिश ना होने से किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। शनिवार को चंपावत के जिला किसान संगठन जिला अध्यक्ष नवीन करायत, कोषाध्यक्ष मोहन चंद्र पांडे तथा राज किशोर साह ने सरकार से जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की।

लोन लेकर की थी आलू की खेती
किसान नेताओं ने कहा जिले के पर्वतीय क्षेत्र के किसानों ने ऋण लेकर लाखों रुपए की लागत का आलू लगाया थ। लेकिन सूखे की चपेट में आने से आलू की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा आलू की फसल किसानों की आर्थिक स्थिति की रीड की हड्डी मानी जाती थी। आलू के साथ ही गेहूं, लहसुन, प्याज व अन्य फसलें पूरी तरह सूख चुकी हैं। जिले के जल स्रोत सूखे पड़े हैं

जनप्रतिनिधियों पर किसानों की अनदेखी करने आरोप
किसानों ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों पर किसानों की अनदेखी करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा किसी भी जनप्रतिनिधि ने किसानों की आवाज को नहीं उठाया और ना ही उनकी सुध ली। उन्होंने कहा जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट मांगने उनके दरवाजे में आते हैं। बड़े-बड़े वादे करके जाते हैं।

मांगे ना मानी जाने पर आंदोलन की चेतावनी
पहले किसानों की कमर लंपी वायरस ने तोड़ी सरकार ने कोई राहत नहीं दी और अब फसलें सूख चुकी हैं। सरकार किसानों को राहत देने के लिए कोई पहल नहीं कर रही है। जिस कारण किसानों का खेती से मोह भंग हो रहा है। उन्होंने सरकार से कृषि ऋण माफ करने और चंपावत जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो किसान आंदोलन को मजबूर होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी

Ad Ad

सम्बंधित खबरें