आश्वासन के बाद भी पेयजल समस्या से नहीं मिली निजात, ग्रामीणों ने दी आमरण अनशन की चेतावनी

चंपावत के लोहाघाट ब्लॉक का सीमावर्ती दिगालीचोड़ क्षेत्र पिछले कई सालों से पेयजल की समस्या से जूझ रहा है। ग्रामीणों के द्वारा कई बार जल संस्थान व प्रशासन से समस्या के समाधान की मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके उनकी समस्याओं का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। विभाग के इस रवैए से आक्रोशित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने आमरण अनशन की चेतावनी दी है।

पूर्व जिला पंचायत सदस्य पुष्कर सिंह बोहरा की अध्यक्षता में आपात बैठक की। पुष्कर सिंह बोहरा व जनप्रतिनिधियों ने बताया कि दिगालीचोड़ ,बाकू ,धूरा तथा बुरकिल्ला तोक में भीषण पेयजल संकट छा गया है। लोग कई किलोमीटर दूर से पेयजल ढोने को मजबूर हैं। क्षेत्र में जल संस्थान के द्वारा लगाए गए हैंडपंप खराब पड़े है।

पेयजल के लिए दर-दर भटक रहे ग्रामीण
उन्होंने बताया कि एक साल पहले बुरकिल्ला तोक में तथा 6 साल पहले दिगालीचोड़ में जल संस्थान द्वारा बोरिंग कार्य किया जा चुका है। उसके बाद योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। क्षेत्र के ग्रामीण पेयजल के लिए दर-दर भटक रहे हैं। वाहनों से पेयजल खरीद कर मंगा रहे हैं। सम्बंधित विभाग ग्रामीणों की समस्या सुनने को तैयार नहीं है।

मतदान से पहले दिया था आश्वासन
उन्होंने बताया ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया था। जिसके बाद प्रशासन ने लोकसभा चुनाव से पहले ग्रामीणों को समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का निर्णय वापस लेकर मतदान किया। लेकिन प्रशासन ने अपना वादा नहीं निभाया।

ग्रामीणों ने दी आमरण अनशन की चेतावनी
पुष्कर सिंह बोहरा ने बताया बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया है कि सोमवार को समस्या के समाधान के लिए एसडीएम लोहाघाट को ज्ञापन दिया जाएगा। अगर समस्या का समाधान नहीं होता है तो एक मई से क्षेत्र के समस्त जनप्रतिनिधि व ग्रामीण कर्मिक आमरण अनशन व भूख हड़ताल करने को मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन व जल संस्थान की होगी।

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