उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में अभी गर्मी का प्रकोप जारी है। मैदानी इलाकों में एक बार फिर पारा 40 के पार पहुंच गया है। तापमान बढ़ने के साथ-साथ डायरिया और वायरल इन्फेक्शन के मरीजनों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐसे में चिकित्सकों ने धूप में ना जाने की सलाह दी है।
चिकित्सकों की माने तो तापमान में बदलाव के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ रहा है। चिकित्सकों ने आमजनता को बेवजह धूप में ना निकलेने की सलाह दी है। बता दें मैदानी जिलों में गर्मी का कहर अभी आने वाले कुछ दिनों तक ऐसे ही जारी रहने की संभावना है। मैदानी इलाकों में पारा बढ़ने के चलते हीटवेव का अलर्ट जारी किया है।
क्या होती है हीट वेव ?
अकसर हमें गर्मी के महीने में गर्म हवाओं या लू की खबरें देखने को मिलती हैं। लेकिन अगर हम बात करें हीटवेव की तो जब किसी जगह का मैक्सिमम टेम्परेचर मैदानी इलाकों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा हो और पहाड़ी इलाकों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस हो ऐसी सिचुएशन में हीट वेव डिक्लेअर कर दी जाती है। अब दिल्ली भी उन इलाकों में शामिल हो गया है जहां पारा 50 डिग्री तक पहुंचता है।
कैसे करें हीट वेव से बचाव? How to protect from heat wave?
हीटवेव या लू के समय बच्चों और बुजुर्गों को घर में ही रखें अगर घर से बाहर निकलना जरूरी है तो लंबे समय तक धूप में ना रहें।
छाया के लिए छाता का इस्तेमाल करें।
हल्के सूती कपड़े पहनें।
बाहर के काम करने के लिए सुबह या शाम में ही घर से बाहर निकलें।
खूब पानी पिएं अपनी डाइट में बहुत सारे तरल पदार्थ शामिल करें, लेकिन ध्यान रहे बर्फीले पेय से दूर रहें क्योंकि वो पेट में ऐंठन पैदा कर सकते हैं।
चीनी, कैफीन या ऐल्कोहॉल युक्त पेय पदार्थों से बचें