शासन ने चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी को इस आरोप में हटाया

रजनी बोली राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी हैं महेंद्र भट्ट इसलिए हटाया

देहरादून the misaile news।

बद्रीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी की पत्नी एवं चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी ने कहा कि उनके पति की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंदिता है जिसके तहत उन्हें परेशान किया जा रहा है उनके द्वारा लिए गए निर्णय से किसी भी तरह की वित्तीय हानि नहीं हुई है सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक दोष भावना के के चलते उन्हें हटाया है इससे पूर्व भी उन्हें हटाया गया था लेकिन माननीय न्यायालय ने इसे गलत मानते हुए उन्हें स्टे दिया था लेकिन इस बार फिर सरकार ने मनमानी की और उन्हें पद से हटाया है।

उत्तराखंड शासन ने चमोली जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पद से हटा दिया है। उन पर अपने पद और अधिकारों के दुरुपयोग का आरोप है। सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने जारी आदेश में कहा कि गढ़वाल मंडल आयुक्त की जांच में यह भी पाया गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने निविदा समिति की सिफारिश पर न्यूनतम बोलीदाता के बजाए अधिकतम बोलीदाता की निविदाएं मंजूर की। कुछ कार्यों में एकमात्र निविदाओं को मंजूर किया गया।

शासनादेश में कहा गया है कि श्री नंदादेवी राजजात यात्रा के लिए वर्ष 2012-13 में पर्यटन विभाग की ओर से प्राप्त धनराशि से विभिन्न काम होने थे। इसके लिए जिला पंचायत की ओर से 64 निविदाएं आमंत्रित की गई थी। जिसमें न्यूनतम दर वाली निविदाओं के बजाए अधिक दर वाली निविदाओं को मंजूर किया गया। मामले की जांच के बाद शासन को जो रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है। उसमें पाया गया है कि 64 में से 30 कार्यों के लिए प्राप्त निविदाओं के तुलनात्मक विवरण से स्पष्ट है कि इन मामलों में प्राप्त निविदाओं को खोलने के लिए गठित समिति ने जिन न्यूनतम निविदाओं के संबंध में अपनी सिफारिश दी।

जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी ने इसके विपरीत दूसरे निविदादाताओं के पक्ष में अपनी स्वीकृति दी। इसके अलावा बीआरजीएफ एवं राज्य वित्त के एक-एक काम घटूगाड-पिण्डवाली गदेरे पर पुलिया निर्माण एवं ग्राम सभा सुभाई के तहत भविष्य बद्री मार्ग निर्माण भी समिति की सिफारिश के विपरीत मंजूर किए गए। आदेश में कहा गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी ने अपने पूर्ववर्ती जिला पंचायत अध्यक्ष कार्यकाल में अपने पद कर्तव्य एवं दायित्वों के विपरीत जाकर काम किया। जो उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 138 (1) के तहत एक गंभीर अनाचार उल्लंघन की श्रेणी में आता है। इस मसले पर जिला पंचायत अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उनका जवाब शासनस्तर पर संतोषजनक नहीं पाया गया है। जिन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के पर्याप्त आधार पाते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के पद से हटाया जाता है।

शासन ने चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पूर्व में भी अध्यक्ष पद से हटाया था, लेकिन इसके खिलाफ वह हाईकोर्ट से स्टे ले आई थीं। अब शासन की ओर से एक बार फिर उन्हें पद से हटा दिया गया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष चमोली रजनी भंडारी ने कहा कि इस प्रकरण में कोई वित्तीय हानि नहीं हुई, जानबूझकर बदले की भावना से यह कार्रवाई की गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट मेरे पति राजेंद्र भंडारी से विधानसभा चुनाव हारे हैं। इसलिए सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।

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