सोमवार शाम को हुई भारी बारिश के कारण देवखड़ी नाला उफान पर आ गया, जिससे नाले के शुरुआती हिस्से की दीवार टूटकर बह गई। इस घटना से आसपास के इलाकों में करीब कई घरों में पानी और मलबा घुस गया। प्रशासन की टीम ने प्रभावित घरों से मलबा निकालने का कार्य शुरू कर दिया है और चार परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।पर्वतीय क्षेत्रों में हुई अचानक अतिवृष्टि के कारण देवखड़ी नाले में अत्यधिक पानी आ गया, जिससे नाले के ऊपरी हिस्से पर बनी लगभग 200 मीटर से अधिक दीवार ढह गई।
इस दीवार के टूटने से तेज बहाव ने गायत्री नगर, कृष्ण विहार और देवकी विहार के लगभग 150 से अधिक घरों को प्रभावित किया। प्रशासन और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन स्थिति को देखते हुए स्थानीय लोगों ने स्वयं मलबा निकालने का कार्य शुरू कर दिया। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में शिफ्ट करने की योजना बनाई थी, लेकिन बारिश रुकने और स्थिति नियंत्रण में आने के बाद परिवारों ने शिफ्टिंग से इनकार कर दिया। मौसम विभाग ने मंगलवार को मध्यम बारिश की संभावना जताई है, जिससे और अधिक नुकसान की आशंका बनी हुई है।
बताया जा रहा है कि दीवार ढहने से कई घरों में मलबा घुस गया था, जिसे निकालने का कार्य जारी है। दीवार के टूटने के बाद नाले का पानी मिट्टी और बड़े-बड़े पत्थरों को अपने साथ बहाकर लाया, जिससे कॉलोनी के रास्तों पर लगभग दो फीट से अधिक मलबा जमा हो गया है। इस स्थिति की जानकारी मिलते ही फतेहपुर रेंज के रेंजर केआर आर्य अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। स्थानीय निवासी विवेक बृजवासी ने वन विभाग पर उचित इंतजाम न करने का आरोप लगाया है।