उत्तराखंड में मानसून सीजन में भारी तबाही हुई है। ऐसा एसडीसी फाउंडेशन की रिपोर्ट कहती है। उदय रिपोर्ट के अनुसार हर वर्ष की तरह इस बार भी उत्तराखंड में मानसून में व्यापक तबाही हुई। रिपोर्ट के मुताबिक पूरे सीजन में अलग-अलग जगहों से लोगों की मौत हो जाने, बह जाने या लापता हो जाने की खबरें मिलती रही।
मानसून में उत्तराखंड में हुई भारी तबाही
उदय रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन में भारी तबाही तो हुई ही इसके साथ ही प्रदेश में कई नए लैंड स्लाइड जोन भी एक्टिव हुए हैं। राज्य में हर साल नए भूस्खलन यानी लैंडस्लाइड जोन विकसित हो रहे हैं। इस मानसून सीजन में कुल 500 नये भूस्खलन जोन चिन्हित किए गए। ये जानकारी हिमालय दिवस के मौके पर वाडिया हिमालयन इंस्टीट्यूट में दी गई। बताया गया कि इनमें से ज्यादातर नये भूस्खलन जोन निर्माण कार्यों के कारण विकसित हुए हैं।
केदानाथ में मानसून ने मचाया हाहाकार
रिपोर्ट में कहा गया है कि केदारनाथ में एक बार फिर से तबाही मची। केदारनाथ में इस साल बार-बार भूस्खलन हुआ। ये भूस्खलन सड़क मार्ग से लेकर पैदल मार्ग तक देखा गया। 31 जुलाई को इस मार्ग पर सबसे बड़ी तबाही हुई। इस दिन राज्यभर में भारी बारिश के कारण नौ लोगों की मौत दर्ज की गई।
केदारनाथ में 20 की हुई मौत और 20 लापता
दो महीने में भूस्खलन व अतिवृष्टि से केदारनाथ मार्ग पर 20 यात्रियों व स्थानीय की मौत हुई और 20 लापता हुए। ये मौतें सोनप्रयाग के पास हुए भूस्खलन के अलावा पैदल मार्ग पर भी हुई। भूस्खलन और तीर्थ यात्रियों की मौत का सिलसिला जुलाई से शुरू होकर सितंबर तक चलता रहा। इसके साथ ही टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक में भारी तबाही हुई। जिले के तोली और तिनगढ़ गांव में भी 16 घर पूरी तरह मलबे में दब गए। इस घटना में एक मां-बेटी की मौत हुई