

Breaking News (property rights)। अगर आप किसी प्रोपर्टी के मालिक हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी और राहत देने वाली है। दरअसल, अब दिल्ली हाईकोर्ट (HC decision on property) ने एक अहम फैसला सुनाया है, जिसमें मकान मालिकों की बड़ी टेंशन को दूर कर दिया गया है। अब किराएदार अपनी मर्जी चलाते हुए यह काम कतई नहीं कर सकेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HC decision) का यह फैसला अब चारों ओर चर्चाओं में है। आइये जानते हैं क्या कहा है कोर्ट ने-
यह कहा है दिल्ली हाईकोर्ट ने-
दिल्ली हाईकोर्ट ने मकान मालिकों व किरायेदारों (tenant’s property rights) से जुड़े एक मामले में आदेश जारी करते हुए कहा है कि मकान मालिक भारत में रहे या किसी दूसरे देश में, वह किराएदार को अपनी प्रोपर्टी (property knowledge) से बाहर कर सकता है। बशर्ते कि मकान मालिक का मकसद सही होना चाहिए।
इस एक्ट को बताया पुराना कानून –
दिल्ली रेंट कंट्रोल एक्ट को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court News) ने पुराना और दुरुपयोग किया गया कानून बताया है। कोर्ट ने यह अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि इस कानून के दुरुपयोग से अनेक प्रोपर्टी मालिकों (landlord’s rights) को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। जबकि इस कानून की आड़ में अनेक संपन्न किरायेदार लंबे समय से मामूली किराए पर कीमती संपत्तियों (property disputes) पर कब्जा किए हुए हैं।
आदेशानुसार किरायेदारों को छोड़नी होगी प्रोपर्टी-
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HC decision on property) ने सदर बाजार स्थित एक संपत्ति से जुड़े मामले में सुनवाई की। इस दौरान हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि प्रोपर्टी मालिक (property owner’s rights) चाहे विदेश में रह रहा हो, वह अपनी प्रोपर्टी से किराएदार को हटा सकता है।
इस मामले के अनुसार यूके और दुबई में बसे प्रोपर्टी मालिकों (landlord’s property rights) ने 2013 में अपने किरायेदारों को प्रोपर्टी से हटाने की मांग की थी। इस मामले में रेंट कंट्रोल अथॉरिटी (RCA) ने खारिज कर दिया था। अब हाईकोर्ट ने इस ऑथारिटी के फैसले को पलट दिया और मकान मालिकों के हक में फैसला सुनाया। अब किराएदारों को इन प्रोपर्टी मालिकों की प्रोपर्टी (property news) छोड़नी होगी।
यह टिप्पणी भी की हाईकोर्ट ने-
विदेश में रह रहे मकान मालिकों ने यह याचिका लगाते हुए यह कहा था कि वे लंदन में दो रेस्टोरेंट चलाते हैं और अब भारत में अपने व्यापार को बढ़ाना चाहते हैं। उनकी प्रोपर्टी (property possession rules) पर कई साल से किराएदार कब्जा किए बैठे हैं, उनको वहां से हटाया जाए।
इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि बहुत से मामलों में आर्थिक रूप से संपन्न किरायेदार कई सालों से लोगों की प्रॉपर्टी (property knowledge) पर कब्जा किए हुए हैं, जबकि मकान मालिक तबाह हो गए हैं। ऐसा दिल्ली रेंट कंट्रोल एक्ट जैसे पुराने कानून की आड़ में हो रहा है।
रेंट कंट्रोल अथॉरिटी का फैसला पलटा-
रेंट कंट्रोल अथॉरिटी (Rent Control Authority) ने विदेश में रह रहे प्रोपर्टी मालिकों की याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया गया था कि उन्हें उस संपत्ति की आजीविका के लिए जरूरत नहीं है। न ही इतनी छोटी जगह रेस्टोरेंट के लिए पर्याप्त है। इसके बाद हाईकोर्ट ने रेंट कंट्रोल अथॉरिटी के फैसले को पलट दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court News) ने कहा कि किरायेदार की आर्थिक स्थिति या मालिक की संपन्नता प्रोपर्टी खाली कराने के मामले में कोई मायने नहीं रखती। वैसे भी कई जगह किराएदार संपन्न हैं और मकान मालिक (mkan malik ke adhikar) खस्ता हालत में हैं।
प्रोपर्टी मालिक का यह है विशेषाधिकार-
रेंट कंट्रोल अथॉरिटी के जगह की उपयुक्तता न होने के तर्क पर हाईकोर्ट ने कहा कि प्रोपर्टी मालिक (property owner’s rights) अपने व्यापार को छोटे स्तर से शुरू करे या बड़े स्तर से, यह उसके विशेषाधिकार में शामिल है।
हाईकोर्ट ने कहा दिल्ली रेंट कंट्रोल एक्ट (Delhi Rent Control Act) की धारा 14(1)(E) के तहत यह मायने नहीं रखता कि प्रोपर्टी मालिक भारत में रहता है या विदेश में। इस एक्ट के अनुसार ऐसे मामलों में यह देखा जाता है कि मकान मालिक का प्रॉपर्टी (property acts) को लेकर उद्देश्य ईमानदार है या नहीं। अगर मकसद सही व ईमानदार है तो किराएदार (kirayedar ke adhikar) को तुरंत हटाया जा सकता है।