करप्शन में BA नहीं PHD! यहां के इन 3 अधिकारियों ने खूब कमाया माल! रेड मारने पहुंची टीम ने भी पकड़ लिया था माथा!

पटना. बिहार में सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार का एक नया चेहरा सामने आया है, जहां कम सैलरी वाले अधिकारी और इंजीनियरों ने ठेकेदारों से वसूली और अनियमितताओं के जरिए अकूत संपत्ति बना ली. हाल के दिनों में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और विशेष निगरानी इकाई (विजलेंस) की छापेमारियों ने इन मामलों को उजागर किया है. हाल के मामलों में इंजीनियर विनोद राय (ग्रामीण कार्य विभाग), और डिप्टी डायरेक्टर वीरेंद्र नारायण (शिक्षा विभाग) ने की करोड़ों की अवैध कमाई का खुलासा हुआ है. इनकी भ्रष्टाचार की कहानी जानकर ऐसा लगता है कि मानों इन अधिकारियों ने करप्शन में BA नहीं PHD कर ली है.

विनोद राय के यहां मिला था खूब कैश
ग्रामीण कार्य विभाग में कार्यरत इंजीनियर विनोद कुमार राय के यहां अगस्त 2025 में EOU की छापेमारी हुई. उनके पटना (भूतनाथ रोड) स्थित आलीशान चार मंजिला मकान पर रेड पड़ी. छापे की सूचना मिलते ही उन्होंने और उनकी पत्नी बबली राय ने रातभर नोट जलाए, अनुमानित 2-3 करोड़ रुपये के कैश को आग के हवाले कर दिया. पटना के पुनपुन में आर्थिक अपराध इकाई ने विनोद कुमार राय के आवास पर छापेमारी की तो हैरान करने वाले खुलासे हुए. ईओयू की रेड में 40 लाख नकद, 20 लाख के जले नोट, 10 लाख के जेवर, 6 लाख की लक्जरी घड़ियां और करोड़ों की जमीन के दस्तावेज बरामद हुए. EOU के अनुसार, राय ने रातभर 2-3 करोड़ रुपये जलाकर सबूत मिटाने की कोशिश की, लेकिन कई दस्तावेज और नकदी बच गए.

शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के यहां करोड़ों का माल
आय से अधिक संपत्ति मामले में बिहार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की. टीम ने शिक्षा विभाग के उपनिदेशक (रीजनल डिप्टी डायरेक्टर) वीरेंद्र नारायण के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. यह कार्रवाई पटना, पूर्णिया और मुजफ्फरपुर में एक साथ शुरू हुई. फिलहाल वीरेंद्र नारायण तिरहुत प्रमंडल में उपनिदेशक के पद पर तैनात हैं. इससे पहले वे जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) भी रह चुके हैं. आरोप है कि उन्होंने अपनी आमदनी से ज्यादा, यानी करीब 3 करोड़ 75 लाख रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति बनाई है

राजनिकांत प्रवीण: शिक्षा विभाग में लूट का खेल
पश्चिम चंपारण के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) राजनिकांत प्रवीण का नाम भी पिछले तीन महीनों में सुर्खियों में रहा. उनकी सैलरी 50 हजार रुपये के आसपास थी, लेकिन बिहार की विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने जुलाई 2025 में उनके ठिकानों पर छापेमारी कर 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति और 50 लाख रुपये नकद बरामद किए. प्रवीण पर आरोप है कि उन्होंने शिक्षक भर्ती और स्कूलों के लिए फंड आवंटन में बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी की. फर्जी बिलों और अनुबंधों के जरिए उन्होंने शिक्षा विभाग के संसाधनों की लूट मचाई. SVU की जांच में उनके पास पटना और बेतिया में कई फ्लैट और जमीन के दस्तावेज मिले. प्रवीण को निलंबित कर दिया गया है, और मामला जांच के अधीन है. यह केस बिहार के शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को दर्शाता है.

सम्बंधित खबरें