आपदा के कारण केदार घाटी में भारी नुकसान, कब तक शुरू हो पाएगी केदारनाथ यात्रा ?

31 जुलाई को केदार घाटी में बादल फटने और अतिवृष्टि के चलते काफी नुकसान हुआ है। कई सड़क मार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके साथ ही केदारनाथ तक पहुंचने के लिए पैदल मार्ग काफी क्षतिग्रस्त हुआ है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर केदारनाथ धाम की यात्रा कब से फिर शुरू हो पाएगी ?


केदार घाटी में 31 जुलाई को हुई भारी बारिश और बादल फटने की वजह से केदारनाथ धाम तक पहुंचाने के लिए पैदल मार्ग को काफी नुकसान हुआ है। प्रशासन द्वारा दावा किया गया है कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर जो भी यात्री फंसे हुए थे उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। केदार घाटी में आई आपदा से काफी नुकसान होने का भी अनुमान लगाया जा रहा है जिसका आंकलन किया जा रहा है।

कब तक शुरू हो पाएगी केदारनाथ यात्रा ?
केदारनाथ में भारी नुकसान के बीच सबसे बड़ा सवाल जो उठ रहा है वो ये है आखिरकार कब तक फिर से केदारनाथ यात्रा शुरू हो पाएगी ? क्योंकि जब तक केदारनाथ धाम के लिए पैदल मार्ग नहीं बना लिया जाता तब तक यात्रा शुरू नहीं हो पाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा भी केदार घाटी का निरीक्षण किया गया है।

अधिकारी भी लगातार मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा दो सप्ताह के भीतर फिर से केदारनाथ यात्रा मार्ग दुरुस्त करने का लक्ष्य रखा गया है। खुद सीएम धामी का भी कहना है कि केदारनाथ पैदल मार्ग को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाएगा ताकि यात्रा को शुरू किया जा सके।

घोड़ा पड़ाव के पास करीब 15 मीटर हिस्सा हुआ वॉश आउट
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के मुताबिक गौरीकुंड के समीप घोड़ा पड़ाव के पास करीब 15 मीटर हिस्सा वॉश आउट हुआ है। जंगल चट्टी में 60 मीटर हिसा वॉशआउट हुआ है। इन दोनों साइड पर कार्य करना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। दोनों स्थानों को मिलाकर कुल 29 साइट पर कार्य किया जाना है। पूरे यात्रा मार्ग पर 500 से ज्यादा मजदूरों की आवश्यकता बताई गई है।

केदारनाथ, गरुड़ चट्टी, लिंचोली में जहां पर मार्ग अतिवृष्टि से प्रभावित नहीं हुआ है उसे वैकल्पिक मार्ग के तौर पर इस्तेमाल करने का भी प्रस्ताव सामने आया है। बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का भी कहना है कि पहली प्राथमिकता सरकार की जो लोग यात्रा मार्ग पर फंसे हुए थे उनको सुरक्षित निकालने की थी और उनको सुरक्षित निकाल लिया गया है। ऐसे में सरकार के द्वारा जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है वो मौके पर रहते हुए यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने के लिए काम करेंगे।

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