
Dehradun News: उत्तराखंड के पछवादून में एक बार फिर लव जिहाद का मामला सामने आया है. यहां एक मुस्लिम शख्स ने पहचान बदलकर हिंदू युवती को प्रेम जाल में फंसाया. अब जाकर राज खुला है.
देहरादून: उत्तराखंड में आस्था की आड़ लेकर अंधविश्वास फैलाने और जनता को ठगने वाले फर्जी बाबाओं के खिलाफ अब पुलिस और प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य ऐसे ढोंगी बाबाओं की पहचान कर उन्हें कानून के शिकंजे में लाना है. इस बीच पछवादून में एक ऐसा लव जिहाद का मामला सामने आया, जिसे सुनकर हर किसी की रूह कांप जाए. यहां एक मुस्लिम युवक अपनी पहचान छिपाकर कालनेमि बन गया. फिर मोहब्बत के नाम पर धोखे का खौफनाक खेल खेला. आइए जानते हैं पूरा माजरा…
युवक ने न सिर्फ अपनी पहचान छिपाई, बल्कि शादी का सपना दिखाकर युवती की जिंदगी तबाह कर दी. जब युवती को सच्चाई का एहसास हुआ तो पीड़िता को प्यार के बदले धमकियां मिलनी शुरू हो गई. यहां तक कि कालनेमि युवक और उसके परिवार के लोगों ने पीड़िता को पैसे लेकर मामला रफा-दफा करने का दबाव भी बनाया. पीड़िता ने पूरे मामले में एक प्रधान की भूमिका का भी जिक्र किया है. उधर हिंदू संगठन के लोगों ने विरोध जताया.
पीड़िता ने बताया कि शख्स ने अपना नाम समीर चौधरी उर्फ सेम बताया था. पहले हमारी सिर्फ दोस्ती हुई. फिर बातचीत होते-होते प्यार हो गया. समीर अक्सर शादी के वादे करता था. यहां तक कि बुरे समय में ऐसा दिखावा किया कि वह मेरे साथ है. जब मैं गर्भवती हो गई तब उसका रुख बदल गया. उसने जान से मारने की धमकी दी. मारा भी. यहां तक की गौ मांस खिलाने के पीछे भी पड़ा रहता था. जब उसने मना कर दिया तो उससे कहा कि मामले को रफा दफा करने के लिए पैसे लेकर आए और दे.
इस पूरे मामले को लेकर पुलिस भी किसी प्रकार की चूक नहीं चाहती है. इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी समीर चौधरी और प्रधान सहित पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया. आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने टीमें तैयार कर ली है. मगर, पुलिस के अभी भी हाथ खाली है. विकासनगर के सीओ भास्कर लाल साह ने कहा कि आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने टीमें तैयार कर ली है. लगातार दबिश दी जा रही है. जल्द ही आरोपी गिरफ्त में होंगे.
वहीं, हिंदू संगठन से जुड़े गिरीश डालाकोटी ने इसे डेमोग्राफिक चेंज और सोची समझी रणनीति बताया है. उन्होंने कहा कि ये पहला केस नहीं है. इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं. डेमोग्राफिक चेंज करने के लिए हो सकता है कि बाहर से फंडिंग की जा रही हो