

Pakistan Nominates Donald Trump For Noble Peace Prize: पाकिस्तान ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। लेकिन इस बार क्रिकेट या कर्ज़ को लेकर नहीं बल्कि नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर। जी हां, पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर 2026 केनोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन दे दिया है। और वो भी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का। ट्रंप वो शख्स हैं जो खुद को देखकर भी great again कह देते हैं।
पाकिस्तान ने Donald Trump को Noble Peace Prize के लिए किया नॉमिनेट
दरअसल पाकिस्तान की तरफ से इसको लेकर अधिकारिक बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की गई। काफी समय से कयान लगाए जा रहे थे कि पाकिस्तान शांति पुरस्कार के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति को नॉमिनेट कर सकता है। और ऐसा ही कुछ देखने को मिला। इस बात की पुष्टि तब ही हो गई थी जब पाकिस्तानी सेना के मुखिया जनरल आसिम मुनीर ने वॉशिंगटन में ट्रंप के साथ लंच किया।
आधिकारिक बयान कर कहा ये
पाकिस्तान ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा, “पाकिस्तान सरकार ने राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप के नाम की सिफारिश 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए की है। सरकार ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान उनके निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और महत्वपूर्ण नेतृत्व के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की औपचारिक तौर पर नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सिफारिश करने का फैसला किया है।”
मुनीर के साथ लंच के बाद नॉमिनेशन
व्हाइट हाउस में बुधवार को पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर को राष्ट्रपति ट्रंप ने होस्ट किया। जिसके तुरंत बाद ये नॉमिनेशन किया गया। शायद नोबेल नॉमिनेशन के लिए ही लंच किया गया था। खबरों की माने तो मुनीर व्हाइट हाउस में दोपहर के खाने के लिए ट्रंप के साथ शामिल हुए थे।
हालांकि दोनों के बीच क्या बात हुई इस बात भी जानकारी नहीं है। मुनीर जो अब फील्ड मार्शल भी हैं उन्होंने पहले अमेरिकी राष्ट्रपति की इसको लेकर वकालत भी की थी। साथ ही उन्होंने ट्रंप को दोनों इंडिया और पाक के बीच परमाणु टकराव को टालने का भी श्रेय दिया।
नोबेल की सिफारिश, लंच की दावत
बता दें कि व्हाइट हाउस की स्पोक्सपर्सन ऐना केली ने इस बात की जानकारी दी थी कि मुनीर को ट्रंप लंच के लिए होस्ट कर रहे हैं। वजह? मुनीर ने ट्रंप को भारत-पाक के बीच परमाणु युद्ध टालने में कथित भूमिका के लिए नोबेल शांति पुरस्कार दिलवाने की सिफारिश की है। पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार इस मिटिंग को ऐतिहासिक कूटनीतिक कामयाबी बता रहा है।
बार-बार ट्रंप एक ही बात दोहराते
ट्रंप लगातार यह दावा करते रहे हैं कि 7 मई के बाद भारत-पाक के बीच तनाव कम करने का श्रेय उन्हीं को जाता है। लेकिन भारत सरकार हर बार इस दावे को सिरे से खारिज करती रही है। भारत का स्पष्ट रुख है कि पाक की उकसावे वाली कार्रवाईयों का जवाब भारतीय सेना ने ठोस सैन्य रणनीति से दिया, जिससे पाकिस्तान खुद पीछे हटने को मजबूर हुआ