विपक्षी विधायकों के बिना हुई कार्य मंत्रणा की बैठक, प्रदेश में गरमाई सियासत

उत्तराखंड में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब विपक्ष के विधायकों के द्वारा कार्य मंत्रणा बैठक में विधानसभा सत्र के एजेंडा तय किए बिना सत्र का आयोजन हो रहा है। विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष यशपाल के द्वारा कार्य मंत्रणा समिति के सदस्य पद से इस्तीफा दिया गया है। लेकिन रविवार को बिना विपक्ष के विधायकों के सदस्यों के कार्य मंत्रणा की बैठक का आयोजन हुआ। जिसके बाद अब विपक्षी विधायकों के गैरमौजूदगी को लेकर सियासत भी देखने को मिल रही है।

विपक्षी विधायकों को आना चाहिए था कार्यमंत्रणा बैठक में
विपक्ष के विधायकों के बिना हुई कार्य मंत्रणा की बैठक
उत्तराखंड में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब विपक्ष के विधायकों के द्वारा ना तो कार्य मंत्रणा की बैठक में उपस्थिति दर्ज कराई गई और ना ही सर्वदलिय बैठक में उपस्थित दर्ज कराई गई। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है और बजट सत्र का एजेंडा भी तय हो गया है। बजट सत्र के पहले दिन जहां राज्यपाल का भी भाषण हुआ तो वहीं मंगलवार को सरकार बजट पेश करेगी लेकिन सदन में जहां विपक्ष सरकार को घेरने की बात कर रहा है तो वहीं कार्य मंत्रणा की बैठक के लिए आमंत्रण न मिलने से विपक्ष सरकार पर सवाल भी उठा रहा है।

विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है सरकार
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि इसी महीने आयोजित हुए विधानसभा सत्र के आयोजन को लेकर जब कार्य मंत्रणा की बैठक का आयोजन हुआ था तो तब विपक्ष की आवाज को कार्य मंत्रणा की बैठक में नजरअंदाज किया जा रहा था। जिस पर उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन कल जिस तरीके से कार्य मंत्रणा बैठक हुई और सरकार के द्वारा विपक्ष की अनदेखी की गई है उससे ये जग जाहिर होता है कि सरकार जिस बहुमत की बात करती है उसी के तहत सत्र चलाना चाहती है और विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है।

कार्य मंत्रणा की बैठक की नहीं मिली जानकारी
यशपाल आर्य का कहना है कि जब कांग्रेस विधान मंडल दल की बैठक चल रही थी तो तब उन्हें कार्य मंत्रणा बैठक की सूचना दी जा रही थी जिस पर उन्होंने बैठक का हवाला दिया लेकिन उसके बाद उन्हें कार्य मंत्रणा की बैठक की कोई सूचना नहीं आई। वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को उन्होंने स्वयं बैठक में आने के लिए फोन किया था लेकिन उन्होंने कुछ देर बाद फोन करने की बात कही थी और वो बैठक में नहीं आए।

विपक्षी विधायकों को आना चाहिए था कार्यमंत्रणा बैठक में
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी का कहना है कि विपक्ष के विधायकों को कार्यमंत्रणा की बैठक और सर्वदलीय बैठक में आना चाहिए था। क्योंकि एक तरीके से ये भी जनता की जिम्मेदारी है और जिम्मेदारी को समझना चाहिए विपक्ष के विधायक कार्यमंत्रणा बैठक और सर्वदलीय बैठक में नहीं आए ये दुखद है

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