प्रदेश की मलिन बस्तियों को एक बार फिर राहत मिली है। राजभवन ने मंगलवार को उत्तराखंड (नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान) अध्यादेश-2024 को मंजूरी दे दी। इसके परिणामस्वरूप, अगले तीन साल तक इन बस्तियों से विस्थापन का खतरा टल गया है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निकाय क्षेत्रों में स्थित मलिन बस्तियां अतिक्रमण हटाने के अभियान की चपेट में आ गई थीं। इस स्थिति से राहत देने के लिए राज्य सरकार ने 2018 में पहला अध्यादेश पेश किया, जिससे बस्तीवासियों को तीन साल तक सुरक्षा मिली। इसके बाद 2021 में सरकार ने दूसरा अध्यादेश लाया, जिसकी अवधि इस साल अक्तूबर में समाप्त हो गई। अब सरकार ने तीसरी बार अध्यादेश लागू किया है, जो 2027 तक प्रभावी रहेगा। मंगलवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी, जिससे 582 बस्तियों में रहने वाले 12 लाख से अधिक लोगों को बड़ी राहत मिली है।
इसी के साथ, राज्य सरकार मलिन बस्तियों के पुनर्वास और विनियमितीकरण पर भी काम कर रही है। हाल ही में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी, जिससे इन बस्तियों के निवासियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया गया है।