Samay Raina पर SC की सख्ती!, सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर माफी मांगने के ऑर्डर

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SC on Samay Rana apologise-publicly

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना(Samay Raina) के साथ बाकी मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन्स को दिव्यांगजनों पर असंवेदनशील चुटकुले पर अपना फैसला सुनाया। SC ने सभी कॉमेडियन्स को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि कॉमेडियन्स को अदालत के साथ-साथ अपने-अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगनी होगी।

सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर मांगो माफी SC on Samay Raina

SMA Cure Foundation की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने ये टिप्पणी की। बताते चलें कि याचिका में यूट्यबर रणवीर अलहबदिया, स्टैंड अप कॉमेडियन Samay Raina, विपुन गोयल, बलराज परमारजीत सिंह घई, सोनाली ठक्कर और निशांत जगदीश तनवर शामिल है।

सभी पर एक शो में दिव्यांगजन का मजाक उड़ाने का आरोप लगा है। वकिलों की माने तो सभी ने इसके लिए माफी मांग ली है। जिसपर कॉमेडियन्स को कोर्ट ने कहा, ‘माफी अदालत के अलावा सोशल मीडिया पर भी दीजिए’

कोर्ट में हुआ क्या?

जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने कहा, “कॉमेडी को अच्छी तरह से लिया जाता है और यह जीवन का एक अभिन्न अंग है, हम खुद पर हंसते हैं. लेकिन जब हम दूसरों पर हंसने लगते हैं और संवेदनशीलता को ठेस पहुंचाते हैं। सामुदायिक स्तर पर जब हास्य उत्पन्न होता है, तो यह समस्या बन जाता है और यही बात आज के तथाकथित प्रभावशाली लोगों को ध्यान में रखनी चाहिए।”

भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए समुदाय का इस्तेमाल नहीं!

आगे उन्होंने कहा, “वे भाषण का व्यवसायीकरण कर रहे हैं। किसी खास वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए समुदाय का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। ये केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं, बल्कि व्यावसायिक भाषण है।”

इस पर अपराजिता सिंह ने कहा, “आईटी नियमों के तहत स्व-नियमन का प्रावधान है।” इस पर जज ने कहा, “मैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की बात नहीं कर रही हूं। बस ऐसे दिशानिर्देश होने चाहिए कि आप ऐसा न करें। दिशानिर्देश सुलभता की बात करते हैं, हम यहां गरिमा की बात कर रहे हैं।”

‘इसका अंत कहां होगा?’

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “ये केवल किसी एक घटना की प्रतिक्रिया नहीं होनी चाहिए। ये व्यापक होना चाहिए ताकि भविष्य की चुनौतियों से भी निपटा जा सके। अधिकार और कर्तव्य दोनों में संतुलन जरूरी है। आज बात विकलांगों की है. अगली बार बात महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों की हो सकती है… इसका अंत कहां होगा?”

आगे जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ” माफी मांगना एक बात है, लेकिन क्या ये ज़रूरी है कि किसी फ़ाउंडेशन को हर बार इसके लिए अदालत आना पड़े? अगर किसी व्यक्ति को प्रताड़ित किया जाए तो क्या होगा?”

कितना लगेगा जुर्माना?

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को साफ किया कि सभी कॉमेडियन्स को अपने यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया अकाउंट पर बिना शर्त माफी की वीडियो डालनी होगी। इस मामले में अगली सुनवाई नवंबर में होगी। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमें बताएं कि अगली सुनवाई में हम आप पर कितना जुर्माना लगाएं। तो इसपर अपराजिता सिंह ने कहा ये आपके ऊपर है। विकलांग समूहों के लाभ के लिए ये होना चाहिए

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