
नई दिल्ली। चार महीने के बच्चे की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश के बांदा की शहजादी खान (33) को अबू धाबी में 15 फरवरी को फांसी दे दी गई। उसके पिता की ओर से बेटी की सलामती जानने के लिए दी गई याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को बताया कि उसे 13 दिन बाद यह सूचना मिली।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने बताया कि मामला खत्म हो गया है। शहजादी का अंतिम संस्कार 5 मार्च को होगा। जस्टिस सचिन दत्ता ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। बांदा निवासी शब्बीर खान ने याचिका में कहा था कि शहजादी की स्थिति को लेकर गहरी अनिश्चितता है। स्पष्टीकरण के लिए विदेश मंत्रालय से कई बार किए गए उनके आवेदन बेकार गए। याचिका के मुताबिक अपने नियोक्ता के चार महीने के बच्चे की हत्या में शहजादी का अदालतों के समक्ष अपर्याप्त प्रतिनिधित्व किया गया और उस पर अपराध कबूल करने के लिए दबाव डाला गया, जिस कारण उसे मौत की सजा मिली। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उनकी सीमित प्रार्थना यह जानने के लिए थी कि उनकी बेटी जीवित है या नहीं