हरिद्वार का जगजीतपुर स्थित नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज सरकार ने पीपीपी मोड पर संचालन के लिए दे दिया है। छात्र इसका विरोध कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज को निजी हाथों में दिए जाने के चलते आज छात्रों में विरोध-प्रदर्शन किया।
हरिद्वार राजकीय मेडिकल कॉलेज को PPP मोड में देने का विरोध
हरिद्वार राजकीय मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड में देने के शासन की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। शारदा एजुकेशनल ट्रस्ट नाम की संस्था अब 100 सीटों वाले मेडिकल कॉलेज का संचालन करेगी। मेडिकल कॉलेज को निजी हाथों में दिए जाने से इसका विरोध भी सामने आ रहा है। छात्रों का कहना है कि निजी हाथों में चले जाने के बाद उनकी फीस बढ़ जाएगी और डिग्री पर भी शारदा एजुकेशनल ट्रस्ट का नाम आएगा। जिसाक छात्र जमकर विरोध कर रहे हैं।
सरकार के इस निर्णय का जमकर हो रहा विरोध
मेडिकल कॉलेज नगर निगम हरिद्वार से अधिग्रहित की गई करीब 500 बीघा जमीन पर बनाया गया था। तत्कालीन मेयर अनीता शर्मा की ओर से सरकार के इस निर्णय का विरोध किया जा रहा है। मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा का कहना है कि हरिद्वार की जनता को सस्ता और सुलभ इलाज मिल सके इसके लिए नगर निगम की ओर से जमीन दी गई थी। लेकिन सरकार के इस निर्णय से हरिद्वार की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। सरकार के इस फैसले का विरोध किया जाएगा।
पीपीपी मोड पर संचालित होने से मेडिकल छात्र नहीं होंगे प्रभावित
हरिद्वार राजकीय मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर संचालित करने का विरोध होने के बाद सरकार का कहना है कि इस से मेडिकल छात्र प्रभावित नहीं होंगे। चिकित्सा शिक्षा के निदेशक डॉ आशुतोष सयाना का कहना है कि हरिद्वार स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के संचालन को पीपीपी मोड पर दिए जाने से अध्ययनरत छात्रों की फीस नहीं बढ़ेगी, साथ ही छात्रों को अन्य सभी सुविधाएं सरकारी भी मेडिकल कॉलेज के समान ही मिलती रहेंगी।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के बेहतर संचालन और मरीजों को अच्छी सुविधाएं देने के लिए, कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिए जाने का निर्णय लिया गया है। लेकिन पीपीपी की शर्त में स्पष्ट किया गया है कि इससे अध्ययनरत छात्रों की फीस नहीं बढेगी, साथ ही छात्रों को मिलने वाले सभी शैक्षिक प्रमाणपत्र और डिग्रियों पर राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार ही दर्ज रहेगा।