Chardham Yatra में लौटी रौनक, सीजफायर के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में हुआ इजाफा

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चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) में एक बार फिर रौनक लौटने लगी है. इसकी जानकारी खुद उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दी है. मंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा पूरी तरह सुव्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालित हो रही है. देश-विदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु बड़ी संख्या में उत्तराखंड पहुंच रहे हैं.

सीजफायर के बाद चारधाम यात्रा में लौटी रौनक

मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि भारत-पाक संघर्ष विराम के बाद हालात सामान्य हो गए हैं. इसका सीधा असर चारधाम यात्रा पर भी दिखने लगा है. उन्होंने कहा कई अब एक बार फिर से श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. जिससे पर्यटन क्षेत्र को राहत मिली है.

29 लाख से अधिक यात्री करा चुके हैं पंजीकरण

मंत्री ने बताया कि प्रयागराज से हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट काफी लंबी हो गई है. मंत्री ने कहा 30 अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा के लिए अब तक 29 लाख से अधिक यात्री पंजीकरण करवा चुके हैं, जबकि 8 लाख श्रद्धालु अब तक धामों के दर्शन का लाभ ले चुके हैं.

GMVN को मिली 12 करोड़ से अधिक की बुकिंग

राज्य सरकार द्वारा संचालित गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के गेस्ट हाउसों में भी भारी बुकिंग हो रही है. फरवरी 2025 से अब तक GMVN को 12.68 करोड़ रुपये से अधिक की बुकिंग मिल चुकी है, जो कि तीर्थाटन और पर्यटन में आय के लिहाज से बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा भी शुरू

महाराज ने बताया कि 2 मई 2025 से आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा की भी शुरुआत हो चुकी है, जिसमें अब तक 3256 इनरलाइन परमिट जारी किए जा चुके हैं. इसके अलावा एक और बड़ी खुशखबरी यह है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल 30 जून 2025 से फिर से शुरू की जा रही है, जो कि पांच सालों के अंतराल के बाद हो रही है.

कैलाश मानसरोवर यात्रा में हिस्सा लेंगे 250 श्रद्धालु

मंत्री ने बताया कि इस साल कुल 250 यात्री कैलाश मानसरोवर यात्रा में हिस्सा लेंगे, जिन्हें 50-50 यात्रियों के पांच दलों में भेजा जाएगा. यात्रा का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम, नैनीताल द्वारा किया जाएगा. पहला दल 10 जुलाई को टनकपुर से धारचूला होते हुए लिपुलेख पास से चीन में प्रवेश करेगा, जबकि अंतिम दल 22 अगस्त को लौटेगा. यात्रा के रूट में इस बार अल्मोड़ा और चौकोड़ी को भी जोड़ा गया है.

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दिल्ली में होगा यात्रियों का मेडिकल परीक्षण

कैलाश यात्रा पर जाने वाले सभी यात्रियों का मेडिकल परीक्षण दिल्ली में ही किया जाएगा. बता दें यह यात्रा सुरक्षा, श्रद्धा और अनुभव के लिहाज से हमेशा से विशेष मानी जाती रही है, और इसके फिर से शुरू होने से तीर्थाटन के प्रति लोगों का विश्वास और उत्साह दोनों बढ़ा है

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