देहरादून: उत्तराखंड की सीनियर पीसीएस अधिकारी निधि यादव को विजिलेंस ने अपनी जांच के बाद क्लीन चिट दे दी है. निधि यादव की आय से अधिक संपत्ति मामले में शिकायत आने के बाद शासन ने जांच के आदेश दिए थे. करीब एक साल पहले निधि यादव की विजिलेंस की खुली जांच के आदेश हुए थे.
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में आरोपी सीनियर पीसीएस अधिकारी निधि यादव को विजिलेंस से बड़ी राहत मिली है. दरअसल पिछले साल जुलाई में निधि यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर सतर्कता समिति ने खुली जांच किए जाने की संस्तुति की थी. विजिलेंस की करीब एक साल तक चली जांच के बाद अब उन्हें बड़ी राहत मिली है और विजिलेंस ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है.
निधि यादव 2005 की पीसीएस अधिकारी है. उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी संभाली है. इसके अलावा निधि यादव कई मामलों को लेकर विवादों में भी रही हैं. निधि यादव पर उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी कई संपत्तियां खरीदने के आरोप लगे थे.
सीनियर पीसीएस अधिकारी निधि यादव पर लगे इन आरोपों के बाद जांच के निर्देश मिलने से उनका प्रमोशन भी अटक गया था. प्रदेश में सीनियरिटी के लिहाज से 2021 से उन्हें IAS अधिकारी के रूप में प्रमोशन मिलना लंबित है. पिछले साल 2023 में भी उनके प्रमोशन की फाइल आगे बढ़ी थी, लेकिन आखिरी समय में इस दौरान शिकायत के आधार पर विजिलेंस की खुली जांच के आदेश दे दिए गए थे और उनकी डीपीसी पर रोक लगा दी गई थी.
विजिलेंस से क्लीन चिट मिलने के बाद अब कार्मिक विभाग ने इसकी सूचना यूपीएससी को भेज दी है. अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि निधि यादव को विजिलेंस क्लीन चिट दे चुकी है और इससे संबंधित जानकारी कार्मिक विभाग ने यूपीएससी को भी भेज दी है. यूपीएससी द्वारा पूर्व में विजिलेंस जांच की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी गई थी. जिसके क्रम में अब संबंधित सूचना UPSC को भेज दी गई है.