आगरा में एक दिल दहला देने वाला हत्याकांड सामने आया है. एक युवक को उसके ही रिश्तेदार फूफा ने धोखे से बुलाकर गला घोंटकर मार डाला. पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. दूसरा फरार है और उसकी तलाश में टीमें लगी हैं.
यूपी के आगरा में एक ऐसी खौफनाक वारदात का खुलासा हुआ है, जिसे जानकार हर कोई हैरान रह गया. दरअसल, यहां एक युवक का कत्ल होता है, फिर लाश को ड्रम में भरकर नदी के किनारे ले लाया जाता है, और उसे आग के हवाले कर दिया जाता है. चूंकि, लाश जल चुकी थी इसलिए घरवाले भी उसकी पहचान नहीं कर पाते. लेकिन पुलिस ने कड़ी मशक्कत कर 19 महीने बाद इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझा लिया है. ये घटना कुछ-कुछ दृश्यम मूवी जैसी ही है, जिसमें शातिर ‘कातिल’ वारदात को अंजाम देने के बाद लंबे टाइम तक पुलिस से आंख मिचौली खेलता रहा. आइए जानते हैं इस हत्या के पीछे की वजह और आखिर युवक का ‘कातिल’ कौन निकला…
आपको बता दें कि दिल दहला देने वाली ये वारदात आगरा के मलपुरा थाना क्षेत्र से सामने आई है, जहां एक युवक को उसी के रिश्ते के फूफा ने न केवल बेरहमी से मौत के घाट उतारा, बल्कि सबूत मिटाने के लिए शव को पेट्रोल डालकर जला दिया. यह पूरी वारदात तब सामने आई, जब बीते सोमवार को पुलिस ने एक ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा किया.
यह कहानी 18 फरवरी 2024 की रात से शुरू होती है. मृतक राकेश को उसके फूफा देवी राम ने बड़े ही प्यार से अपनी मिठाई की दुकान पर बुलाया. राकेश को अंदाजा भी नहीं था कि जिस पर वह भरोसा कर रहा है, वही उसकी जान का दुश्मन बन चुका है. पुलिस की तहकीकात में सामने आया कि राकेश का देवी राम की नाबालिग बेटी से संबंध था. आरोप है कि राकेश ने उसकी कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें खींची थीं और उन्हें दिखाकर ब्लैकमेल कर रहा था. यह बात जब फूफा को पता चली, तो उसके भीतर की आग ने उसे अंधा कर दिया और उसने राकेश को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने का मन बना लिया.
एक सुनियोजित और क्रूर हत्या
देवी राम ने राकेश को दुकान पर बुलाकर पीछे से मफलर और लोहे के तार से गला घोंट दिया. हत्या के बाद, उसने अपने भतीजे नित्य किशोर को बुलाया और दोनों ने मिलकर राकेश के शव को एक प्लास्टिक के ड्रम में भरा. रात के अंधेरे में वे लोडर से ड्रम को खारी नदी के पास एक सुनसान जगह पर ले गए. वहां उन्होंने इंसानियत की सारी हदें पार करते हुए शव पर पेट्रोल डाला और आग लगा दी.
यह क्रूरता सिर्फ हत्या तक सीमित नहीं थी, बल्कि सबूतों को मिटाने की एक खौफनाक साजिश भी थी. मृतक का मोबाइल, मफलर और तार नदी में फेंक दिए गए, और बाइक हाईवे पर छोड़ दी गई.
ऐसे सुलझी हत्या की गुत्थी
पुलिस के लिए यह एक ब्लाइंड मर्डर केस था. 20 फरवरी 2024 को पुलिस को एक अधजला शव मिला, जिसकी पहचान करना मुश्किल था. हालांकि, राकेश की गुमशुदगी की रिपोर्ट पहले ही दर्ज हो चुकी थी. परिजनों ने भी शव को पहचानने से इनकार कर दिया था. लेकिन, पुलिस ने हार नहीं मानी. उन्होंने शव का डीएनए सैंपल लिया, जो मृतक की मां के डीएनए से मिल गया.
तकनीकी जांच और सर्विलांस की मदद से पुलिस की टीम ने 15 सितंबर 2025 को मुख्य आरोपी देवी राम को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने अपने गुनाह कबूल कर लिए. उसका भतीजा नित्य किशोर अभी भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है. इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अपराध कितना भी छुपाया जाए, कानून की लंबी बांहें उस तक पहुंच ही जाती हैं.
पूछताछ के दौरान, हत्यारोपी देवी राम ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया. उसने बताया कि उसने ब्लैकमेलिंग के चलते राकेश की हत्या की. इस ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाने में मलपुरा पुलिस, एसओजी और सर्विलांस टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.