बागेश्वर धाम सरकार को “मां की गाली” देने वाले युवक का वीडियो वायरल,बोला-तेरे में शक्ति थी तो हिंदू यात्रा में बीमार कैसे पड़ा

a video of a young man abusing the government in bageshwar dham went viral
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सोशल मीडिया पर बागेश्वर धाम महाराज को गाली-गलौच देते एक युवक का वीडियो वायरल हो रहा है।  इस वीडियो के सामने आने से हड़कंप मच गया है। वीडियो में युवक ने बागेश्ववर धाम पीठाधीश्वर की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा पर सवार उठाते हुए अभद्र भाषा बोलता नजर आ…

 सोशल मीडिया पर बागेश्वर धाम महाराज को गाली-गलौच देते एक युवक का वीडियो वायरल हो रहा है।  इस वीडियो के सामने आने से हड़कंप मच गया है। वीडियो में युवक ने बागेश्ववर धाम पीठाधीश्वर की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा पर सवार उठाते हुए अभद्र भाषा बोलता नजर आ रहा है। युवक बोलता है कि अगर धीरेंद्र शास्त्री में शक्ति है तो बीमार कैसे हो गए, अपने शक्ति के प्रयोग से ठीक हो जाते , इसके बाद युवक धीरेंद्र शास्त्री को मां की गाली देता है।

आरोपी शिवम वर्मा सीधी के सिहावल क्षेत्र के सेमरी का रहने वाला

हालांकि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को दबोच लिया है। आरोपी सीधी जिले के जनपद सिहावल क्षेत्र की ग्राम पंचायत सेमरी निवासी शिवम वर्मा है। वहीं बागेश्वर धाम महाराज के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किए जाने से क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल गया। मामला तेजी से सोशल प्लेटफॉर्म पर वायरल हुआ, जिसके बाद धार्मिक संगठनों एवं स्थानीय नेताओं ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की।

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बजरंग दल बहरी के अध्यक्ष पंकज पाण्डेय के नेतृत्व में एडवोकेट महेंद्र पाण्डेय, पवन शुक्ला, शिवेश उपाध्याय, रामगोपाल शुक्ला, शिवानंद मिश्रा, सौरभ सिंह, जय द्विवेदी, राहुल मिश्रा, नवीन उपाध्याय, अभिषेक कुमार शुक्ला, शिवम सिंह, उत्तम यादव सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठन सदस्यों ने अमिलिया थाना पहुंचकर आरोपी के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत मिलते ही अमिलिया थाना पुलिस हरकत में आ गई और कुछ ही घंटों में आरोपी शिवम वर्मा को पकड़ लिया। पुलिस ने उसकी गतिविधियों, मोबाइल फोन और सोशल मीडिया पोस्ट का परीक्षण करते हुए उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की।

थाना प्रभारी अमिलिया राकेश बैस ने बताया कि आरोपी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299, 353(2), 352 के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2000 की धारा 66(ई) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। ये सभी धाराएँ गंभीर मानी जाती हैं, जिनके तहत आरोपी को कठोर दंड का प्रावधान है।

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