

दिल्ली के बेगमपुर में एक दर्दनाक हादसे में करंट लगने से भाई-बहन की मौत हो गई जबकि पिता गंभीर रूप से घायल हैं। घटना राजीव नगर में हुई जहां विवेक नामक युवक को दरवाजा बंद करते समय करंट लगा और उसे बचाने के प्रयास में उसकी बहन अंजू भी शिकार हो गई। परिवार ने बिजली कंपनी टीपीडीडीएल पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
बेगमपुर के राजीव नगर स्थित बी ब्लॉक में बुधवार की रात घर में ही बहन और भाई की करंट लगने से मौत हो हो गई। बचाने गए पिता भी करंट की चपेट में आ गए। जिन्हें पास के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि बिजली कंपनी टीपीडीडीएल की लापरवाही से हादसा हुआ है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिया है। इस पूरे मामले में पुलिस बेगमपुर थाना पुलिस पीड़ित परिवार से बात कर मामले की जांच कर रही है।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि बिजली कंपनी के ग्राहक सेवा केंद्र पर फोन करीब आधे घंटे बाद लगा। पहुंचे कर्मचारी ने बिजली के खंभे के पास से अर्थिंग के तार का कुछ हिस्सा काट दिया। जिसके बाद घर में करंट आना बंद हुआ।
पीड़ित परिवार के पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार राकेश चौहान ने बताया कि कालीचरण राजीव नगर के बी ब्लॉक स्थित एक 50 गज के मकान में पत्नी बेबी, बेटा विवेक, विक्की और उसकी पत्नी और उसका 2.5 वर्षीय बेटा रहता है। बेटी अंजू की दो महीने पहले ही बदरपुर में शादी हुई थी।
बुधवार की रात सभी खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे। तभी विवेक रात करीब 10:30 बजे घर का मुख्य दरवाजा बंद कर रहा था। पास में बाथरूम के गेट से हाथ छूते ही वह नीचे गिर पड़ा। करंट से अनजान बहन अंजू भाई को उठाने के लिए दौड़ी, वह भी करंट की चपेट में आने से नीचे गिर गई।
बेटे और बेटी को फर्श पर तड़पता देख पिता कालीचरण भी इन्हें बचाने के लिए आए, उन्हें भी करंट का तेज झटका लगा। तभी वहां मौजूद परिवार के अन्य सदस्यों को समझ में आ गया कि सभी करंट की चपेट में आ गए हैं। इसकी सूचना तुरंत पुलिस और बिजली कंपनी को दी।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने बिजली की आपूर्ति बंद कराने के बाद सभी को पास के ही एक निजी अस्पताल लेकर गए, जहां अंजू और विवेक को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं, कालीचरण को आईसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है। जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
समय रहते बिजली का मीटर हो जाता शिफ्ट, तो नहीं होता हादसा
विवेक की मां बेबी और रिश्तेदार राकेश चौहान ने बताया कि बिजली का मीटर कई वर्ष उनके घर के अंदर एक कमरे में लगाया गया था। इस मीटर को हटाने के लिए कई बार टीपीडीडीएल से बात की, लेकिन मीटर उनके घर के बाहर नहीं लगाया गया।
बिजली के पोल से बिजली मीटर का तार छत के रास्ते सीधा उनके कमरे में गया हुआ है। इस तार के साथ एक लोहे की तार जिसे पीड़ित परिवार ने अर्थिंग का तार बताया है, वह भी मीटर के साथ कमरे तक है। अगर समय रहते बिजली का मीटर घर के बाहर लग जाता तो, शायद यह हादसा नहीं होता।
आरोप, बिजली कंपनी की लापरवाही से भाई व बहन की गई जान
पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार राकेश चौहान और पीड़ित परिवार ने बताया कि घर के अंदर से ऊपर छत पर जाने के लिए एक लोहे की सीढ़ी लगी है। बिजली मीटर का तार सीढ़ी को छू रहा है। आरोप है कि अर्थिंग के तार में करंट फैलने से करंट सीढ़ी में उतरा।
फिर सीढ़ी के साथ बाथरूम में लगे लोहे के गेट तक आ गया। जिससे यह हादसा हुआ। पीड़ित परिवार का कहना है कि कई वर्ष पूर्व जब भी बिजली मीटर किसी का लगता था, तो उसके साथ बिजली कंपनी की ओर से एक लोहे का तार अर्थिंग के रूप में लगाया जाता था। अब यह तार नहीं लगता है।