

- आय से अधिक संपत्ति के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू
- आपराधिक मामला, 23 जुलाई तक देना होगा हलफनामा
- देहरादून skt.com
- उत्तराखंड कैबिनेट के कृषि उद्यान एवं सैन्य एवम कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की कैबिनेट से छुट्टी हो सकती है वह कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले धामी सरकार दूसरे मंत्री होंगे। कई बड़े मामलों में घिरे होने की वजह और कोर्ट में मामला सरकार की छवि को खराब करने वाला साबित होने से अब सरकार और संगठन को इस पर ना चाहते हुए भी फैसला लेना पड़ सकता है उद्यान घोटाले की सीबीआई जांच ,आय से अधिक संपत्ति का एफिडेविट प्रदेश की जमीन से तीन गुना अधिक फलदार पौधे लगाने और सैन्य धाम के निर्माण में बड़ी अनिमियतता के मामले गणेश जोशी के गले की फांस बन चुके हैं।
उद्यान घोटाले में सीबीआई जांच, प्रदेश की कुल जमीन से तीन गुणा अधिक फलदार पौधे लगाने का मामला, सैन्य धाम निर्माण में अनियमितता, जैविक खेती को लेकर विदेशी टूर समेत अनेक विवादों से घिरे गणेश जोशी दो दिन पहले कृषि मेले को लेकर विवादों में आ गये। आनन-फानन में मेला रद्द करना पड़ा। इस बीच, हाईकोर्ट ने कल उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उनसे काउंटर एफिडेविट मांगा है। अब उन्हें हाईकोर्ट में साबित करना होगा कि जो नौ करोड़ कमाए वो किस तरह से कमाए?
गणेश जोशी का राजनीतिजीवन 15 पूर्व शुरू हुआ। आखिर वह इतने काम समय में इतने धनवान हो गए उन्होंने 2022 के चुनाव में अपनी संपत्ति 9 करोड़ घोषित कर दी। इसी एफिडेविड को हथियार बना कर आरटीआई एक्टिविस्ट विन्केश नेगी ने उन्हे घेर लिया।
मुख्यधारा के मीडिया ने जिसे गणेश गोदी मीडिया ने इस बात को लेकर गणेश जोशी का जमकर साथ दिया। इसके बावजूद यह मामला दबा नहीं और अब यह चुनावी हलफनामा ही उनके गले की फांस बन रहा है।
हाईकोर्ट में जस्टिस विवेक भारती की कोर्ट ने आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। हाईकोर्ट में विकेश के केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट नलिन के मुताबिक गणेश जोशी ने आय से अधिक मामले में कोर्ट के नोटिस को स्वीकार भी कर लिया और आज पहली सुनवाई पर उनके वकील भी अदालत में हाजिर हुए। अदालत ने उनसे आय से अधिक संपत्ति मामले में काउंटर एफिडेविट मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।
आजकल राजनीति में लोगों ने इस कमाई का जरिया बना लिया है कोई कैसे सिर्फ 15 सालों में एक सिपाही की पेंशन के बाद बड़ी सम्पति खड़ी कर ले रहे है।
वही अगर ईमानदारी से राजनीति करने वालो की बात कहें तो नई दिल्ली में पांच राज्यों के पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक जिंदगी के लिए सरकारी राममनोहर लोहिया के आईसीयू में जंग लड़ रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि 50 साल राजनीति में रहे। पांच राज्यों के राज्यपाल रहे। 150 करोड़ की रिश्वत भी आफर हुई। इसके बावजूद उन्होंने ईमानदारी से जीवन जिया और वो आज इस लायक भी नहीं है कि प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करा सकें।