चांदी तो खरीद ली है आपने, ध्यान से कहीं लग ना जाए झटका; हो ना जाए 2011 जैसा हाल

2011 में चांदी की तेजी ज्यादा दिन तक नहीं चल सकी. कुछ महीनों में चांदी की कीमत 71,000 रुपये से गिरकर 40,000 रुपये से भी नीचे आ गई. दुनिया के बाजारों में भी चांदी की कीमत 49.83 डॉलर से कम होकर 26 डॉलर तक पहुँच गई थी

Silver Price 2025
Silver Price 2025

भारत के साथ-साथ दुनिया के कई देशों में भी इस साल चांदी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. अब हर व्यापारी, ज्वेलरी की दुकान और निवेशक सिर्फ चांदी और उसके दामों के बारे में ही सोच रहे हैं. हाल में चांदी की कीमत एमसीएक्स पर 1,70,415 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. अमेरिका के बाजारों में भी चांदी की कीमत 54.46 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई है. इस जबरदस्त तेजी के कारण अब चांदी की कीमतों को लेकर सवाल उठने लगे हैं. क्या यह तेजी सच में मजबूत है या यह 1980 और 2011 जैसे “सिल्वर ट्रैप” (चांदी का फंसाव) की तरह है? ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब अब हर कोई जानना चाहता है.

कुछ लोगों का मानना है कि चांदी 2011 वाली घटना दोहराएगी. उस वक्त चांदी की कीमत 71,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी, और हर बाजार में बात चल रही थी कि यह जल्द ही 1 लाख रुपये प्रति किलो भी पार कर लेगी. अब बाजार में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि चांदी दो लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है. इसलिए लोग अब चांदी की खरीदारी में लग गए हैं. ज्वेलर्स अब चांदी की कीमत से 10% ज्यादा दाम लेने लगे हैं, और ट्रेडिंग चैट ग्रुप्स में “सिल्वर टू द मून” का जश्न मनाया जा रहा है.

2011 की तेजी ज्यादा दिन तक टिक नहीं सकी

2011 में चांदी की बढ़ोतरी ज्यादा दिन तक बनी नहीं रही. कुछ ही महीनों में चांदी की कीमत 71,000 रुपये से नीचे आकर 40,000 रुपये से भी कम हो गई. अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत 49.83 डॉलर से गिरकर 26 डॉलर तक आ गई. यह समय था जब निवेशकों ने जाना कि बाजार की तेजी में तर्क से ज्यादा भीड़ और भावनाओं का असर होता है.

1980 में भी चांदी का ऐसा ही हाल था. हंट ब्रदर्स नाम के दो अमरीकी अरबपति चांदी के बाजार को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने बड़ी मात्रा में चांदी खरीदकर उसकी कीमत 6 डॉलर से 48 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचा दी. लेकिन अमेरिकी सरकार और COMEX ने बीच में आकर नए नियम बनाए, जिसके बाद चांदी की कीमतें अचानक बहुत नीचे गिर गईं. इसे आज भी “सिल्वर थर्सडे” के नाम से जाना जाता है.

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