EC bans BJP candidate Abhijit Gangopadhyay: सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 का करीब-करीब अंत होने वाला है। 26 मई को छठें चरण का चुनाव है। इस दौरान आज यानी 21 मई को भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने भाजपा के तमलुक लोकसभा उम्मीदवार और कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय के प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी के खिलाफ उनकी ‘अमर्यादित’ टिप्पणी के लिए 24 घंटे के लिए प्रचार करने से रोक दिया। उन पर यह प्रतिबंध मंगलवार शाम 5 बजे से प्रभावी होगा और अगले 24 घंटों तक रहेगा।
17 मई को TMC ने गंगोपाध्याय के खिलाफ दर्ज कराई थी शिकायत
17 मई को, TMC ने हल्दिया में एक रैली में ममता के खिलाफ कथित ‘सेक्सिस्ट’ टिप्पणी के लिए गंगोपाध्याय के खिलाफ ECI में शिकायत दर्ज कराई। बाद में, आयोग ने गंगोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि टिप्पणियां ‘अनुचित, अविवेकपूर्ण और अशोभनीय’ थीं।
गंगोपाध्याय ने कारण बताओ नोटिस में क्या कहा
EC ने 20 मई शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब मांगा था। सोमवार को गंगोपाध्याय ने कारण बताओ नोटिस (show-cause notice) पर अपना जवाब भेजा।
चुनाव आयोग ने कहा- अभिजीतत गंगोपाध्याय का बयान निम्न स्तरीय
21 मई को आदेश में, ECI ने कहा कि उसने बयान का अध्ययन किया है और वह ‘आश्वस्त’ है कि उन्होंने ‘निम्न-स्तरीय’ व्यक्तिगत हमला किया है।
आयोग ने कहा, ‘महिलाओं को पहले के समय में और वर्तमान में भारतीय समाज में सर्वोच्च सम्मान मिला है और जबकि भारतीय संविधान और देश की सभी संस्थाओं ने सभी मोर्चों पर महिलाओं के अधिकारों और सम्मान को सुनिश्चित करने और उन्हें और अधिक सशक्त बनाने के विचारों और आदर्शों को लगातार आगे बढ़ाया है।’ आयोग ने आगे कहा कि गंगोपाध्याय द्वारा दिया गया बयान “पूरी तरह से निंदनीय” था।
चुनाव आयोग के आदेश में यह भी कहा गया है कि पूर्व न्यायाधीश के शब्दों ने ‘पश्चिम बंगाल राज्य को नुकसान और बदनामी पहुंचाई है, जहां महिलाओं के सम्मान की एक विशिष्ट परंपरा है’।
इसमें कहा गया है, ‘आयोग अभिजीत गंगोपाध्याय को आदर्श आचार संहिता के दौरान अपने सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की सख्त चेतावनी देता है।’
गंगोपाध्याय पहले नहीं चौथे नेता, जिन्हें महिलाओं के खिलाफ अशोभनीय बयान के लिए मिली नोटिस
मौजूदा लोकसभा चुनाव में गंगोपाध्याय चौथे राजनेता हैं जिन्हें महिलाओं के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी के लिए नोटिस भेजा गया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष को ममता बनर्जी और कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत को कंगना रनौत के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के लिए नोटिस दिए जाने के बाद चुनाव आयोग द्वारा निंदा की गई थी।
इसके बाद कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (Former Karnataka chief minister HD Kumaraswamy) को भी चुनाव प्रचार के दौरान उनकी टिप्पणियों के लिए कर्नाटक राज्य महिला आयोग द्वारा नोटिस दिया गया था। हालांकि, बाद में हाई कोर्ट ने इसके खिलाफ स्थगन आदेश जारी कर दिया था।