
रुद्रप्रयाग जिले के चोपता-तुंगनाथ ट्रैक पर बसा सारी गांव (Sari village) आज उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में ग्रामीण पर्यटन और स्वरोजगार का आदर्श मॉडल बन चुका है. यहां के लोग न सिर्फ प्रकृति के बीच सादगी से जीवन जी रहे हैं, बल्कि पर्यटन को अपनी रोज़ी-रोटी का मजबूत ज़रिया भी बना चुके हैं.
रुद्रप्रयाग के सारी गांव में 50 home stay से 250 ग्रामीणों को मिला रोजगार
बता दें रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) के सारी गांव में करीब 50 होम स्टे (homestay) संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 41 पर्यटन विभाग में पंजीकृत हैं. इन होम स्टे से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 250 से अधिक ग्रामीणों को रोजगार मिला है. गांव की कुल आबादी करीब 1200 है और यहां 191 परिवार रहते हैं.

सारी गांव में सीएम धामी भी कर चुके हैं रात्रि प्रवास
सीएम धामी ने भी इस गांव के महत्व को समझते हुए दिसंबर में अपने दौरे के दौरान सारी गांव में रात्रि प्रवास किया था. सीएम धामी ने गांव के विकास और स्वरोजगार मॉडल की सराहना करते हुए कहा था कि इससे अन्य गांवों को भी प्रेरणा मिलेगी.
स्थानीय लोगों को मिली चूका है सरकार का सहयोग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धामी ने ग्रामीणों के साथ भोजन भी किया था. उत्तराखंड सरकार की दीनदयाल उपाध्याय पर्यटन होम स्टे योजना और ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेन्टर होम-स्टे योजना के तहत कई स्थानीय लोगों को अनुदान और सहयोग भी मिला है