बटर फेस्टिवल में इस बार 1500 लोगों को ही जाने की परमिशन, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

उत्तराकाशी के बुग्यालों में मनाए जाने वाले अनोखे त्यौहार अढूड़ी त्यौहार या बटर फेस्टिवल में इस बार 1500 लोगों को जाने की अनुमति दी गई है। नैनीताल हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान सुनाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि अढूड़ी महोत्सव समाप्त होने के बाद वहां सफाई की जाए और इसकी फोटो भी कोर्ट में पेश की जाए।


नैनीताल हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर सुनवाई की गई। याचिकाकर्ता से कोर्ट ने कहा कि बटर फेस्टिवल में कितने लोग प्रतिभाग करेंगे इसकी लिस्ट कोर्ट में पेश की जाए। जिस पर याचिकाकर्ता ने जवाब दिया कि इसमें करबी 2500 लोग प्रतिभाग करेंगे। जिसके बाद हाईकोर्ट ने केवल 1500 लोगों को ही प्रतिभाग करने की अनुमति दी।

सरकार एक साथ ना भेंजे सभी लोगों को
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये भी कहा कि सरकार एक साथ 1500 लोगों को न भेजे। दो-दो सौ लोगों को एक समय पर भेजा जाए। इसके साथ ही लोगों के आने-जाने के समय को भी निर्धारित किया जाए। कोर्ट ने कहा कि बटर फेस्टिवल के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए वन विभाग व पुलिस के कर्मचारी तैनात किए जाएं।

क्या है Butter Festival या अढ़ूड़ी त्यौहार ?
Butter Festival या अढ़ूड़ी त्यौहार को उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में मनाया जाता है। इस त्यौहार में मक्खन, दही और छांछ से होली खेली जाती है। इस त्यौहार में महाराष्ट्र की तरह दही हांडी भी फोड़ी जाती है और मथुरा और वृंदावन की तरह दही की होली भी खेली जाती है। इस त्यौहार का आयोजन रैथल गांव के ग्रामीण प्रतिवर्ष भाद्रपद की संक्रांति को दायरा बुग्याल में करते हैं।

क्यों मनाया जाता है Butter Festival ?
पहाड़ों पर जीवन कृषि और पशु पालन पर काफी ज्यादा निर्भर करता है। बटर फेस्टिवल को उत्तरकाशी के कुछ गांव वाले ईश्वर का धन्यवाद करने के लिए मनाते हैं।

इस उत्सव में पहाड़ी गांवों के लोग अपने-अपने मवेशियों के दूध, मक्खन, दही और छांछ खुशी से एक-दूसरे को खिलाते हैं। इसके साथ ही धरती माता को अर्पित करते हैं। लोगों का मानना है कि इन पर्वों के माध्यम से ही मवेशी और लोग फल-फूल रहे हैं

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