BUDGET 2025 : रक्षा बजट में हुआ मामूली इजाफा, जानकारों ने बताया नाकाफी

BUDGET 2025 :  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 -26 के लिए बजट पेश कर दिया है। इस बजट से रक्षा क्षेत्र को मायूसी हाथ लगी है। खास तौर पर सरकार ने रक्षा बजट में बेहद मामूली वृद्धि कर नीतिगत रूप से डिफेंस सेक्टर में अच्छी उम्मीदें लगाए बैठे जानकारों को निराश कर दिया है।

जानकार बता रहे मामूली इजाफा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने वित्तीय भाषण में रक्षा बजट के तौर पर कुल 6,81,120 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। पिछले वर्ष जारी रक्षा बजट 6,21 लाख करोड़ का था। जानकार इसे मामूली बता रहे हैं। वित्तीय बजट में रक्षा मंत्रालय को इस बार आवंटित बजट में से ₹180,000 करोड़ डिफेंस सर्विसेज के पूंजीगत व्यय के लिए मिला है।

पूंजीगत व्यय में हुई मामूली बढ़त

रक्षा मंत्रालय का कुल पूंजीगत व्यय 1,92,387 करोड़ रुपये आंका गया है। राजस्व व्यय 4,88,822 करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें पेंशन के लिए 1,60,795 करोड़ रुपये शामिल हैं। पूंजीगत व्यय के तहत, विमान और एयरो इंजन के लिए 48,614 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं जबकि नौसेना बेड़े के लिए 24,390 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अन्य उपकरणों के लिए 63,099 करोड़ रुपये की राशि अलग रखी गई है। 2024-25 में सरकार ने रक्षा बजट के लिए 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इसमें पूंजीगत व्यय 1,72,000 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया।

शोध पर अधिक खर्च नहीं करता भारत

हालांकि वित्त वर्ष 2025 में रक्षा बजट का केवल 27.66 प्रतिशत पूंजीगत व्यय के लिए आवंटित किया गया था। इसका अधिकांश हिस्सा पर्सनल एक्सपेंडीचर के लिए बचा था। देश में बने इक्विपमेंट्स के लिए पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर खरीद बजट का 75 प्रतिशत किया गया। हालांकि जानकारों का कहना है कि भारत को आरएंडडी के लिए ज्यादा आवंटन करने की जरूरत है। जियोपॉलिटिकल स्ट्रैटजिस्ट और FACE की संस्थापक वेलिना चाकारोवा ने कहा कि भारत अपने रक्षा व्यय का सिर्फ 1% अनुसंधान एवं विकास के लिए आवंटित करता है जबकि अमेरिका में यह 13% है।

अंतरिम बजट घोषणा के अनुसार कुल रक्षा आवंटन का लगभग 28 प्रतिशत या 1.72 लाख करोड़ रुपये पूंजी अधिग्रहण के लिए था। राजस्व व्यय (वेतन को छोड़कर) 92,088 करोड़ रुपये था और रक्षा पेंशन के लिए यह राशि 1.41 लाख करोड़ रुपये थी।

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