कैबिनेट ने बढ़ाई मलिन बस्तियों के अध्यादेश की अवधि, कांग्रेस ने बताया चुनावी शगूफा

KARAN MAHARA

उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव से पहले मलिन बस्तियों के नियमितीकरण पर सियासत गरमाई हुई है। इसी बीच कैबिनेट ने आज एक बार फिर से मलिन बस्तियों के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। तीन साल के लिए मलिन बस्तियों के अध्यादेश की अवधि बढ़ाने को कांग्रेस ने चुनावी शगूफा बताया है।

कैबिनेट ने मलिन बस्तियों के लिए अध्यादेश को दी मंजूरी

मलिन बस्तियों के नियमितीकरण पर गरमाई सियासत के बीच धामी सरकार ने मलिन बस्तियों में रह रहे लोगों को बड़ी राहत दी है। धामी कैबिनेट ने मलिन बस्ती के अध्यादेश की अवधि 3 साल के लिए बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। इससे पूर्व में अध्यादेश की समय सीमा 23 अक्टूबर 2024 यानि आज समाप्त हो रही है। ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान मलिन बस्तियों को अस्थाई रूप से बचाने के लिए अध्यादेश लाया गया है।

अध्यादेश को कांग्रेस ने बताया चुनावी शगूफा

निकाय चुनाव से पहले सरकार के इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कैबिनेट में लाए गए इस अध्यादेश को चुनावी शगूफा करार दिया है। उन्होंने कहा कि 2016 में हमारी सरकार ये अध्यादेश लाई थी लेकिन उसके तुरंत बाद हमारी सरकार गिर गई।

फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई। लेकिन इन सात सालों में भाजपा की सरकार एक कदम आगे नहीं बढ़ी। करन माहरा ने कहा कि निकाय चुनाव को देखते हुए गरीबों को झुनझुना पकड़ाने की कोशिश हो रही है ताकि उनका वोट पा कर उन्हें ठगा जा सके।

साल 2018 में सबसे पहले लाई थी सरकार अध्यादेश

बता दें कि साल 2017 में हाईकोर्ट के एक आदेश से मलिन बस्तियों का अस्तित्व खतरे में आ गया था। जिसके बाद इन मलिन बस्तियों को बचाने के लिए उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद ने बड़ा जन आंदोलन चलाया था। जिसके एक साल बाद सरकार को 2018 में एक अध्यादेश लाना पड़ा था। जिसके बाद तीन साल के लिए मलिन बस्तियों पर से खतरा टल गया। इसके बाद साल 2021 में फिर से अध्यादेश लाया गया। अब एक बार फिर से 2024 में सरकार तीन साल के लिए अध्यादेश ले आई है।

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