
Chamoli avalanche : चमोली के माणा गांव में शुक्रवार को ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया. बता दें निर्माण कार्यों में लगे 57 मजदूर दब गए. जिनमें से 15 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. जबकि अन्य मजदूरों के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है.

बता दें आईटीबीपी के जवान मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाये हुए हैं. बर्फबारी के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. प्रशासन की ओर से फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एयर फोर्स से मदद मांगी है.

सूत्रों के मुताबिक ये सभी मजदूर बीआरओ के कॉन्ट्रैक्ट के तहत काम कर रहे थे. सभी मजदूर माणा गांव के पास निर्माण कार्य में लगे हुए थे.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हादसे की जानकारी मिलते ही आपदा परिचालन केंद्र पहंचे. जहां सीएम ने अधिकारियों से रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अपडेट लिया.

अमित शाह ने सीएम धामी से फोन पर बात कर चमोली हिमस्खलन की जानकारी ली है. शाह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा ‘हादसे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी प्राथमिकता है.

अमित शाह ने कहा ‘स्थानीय प्रशासन बचाव कार्यो में पूरी तत्परता से लगा हुआ है. NDRF की दो टीमें भी जल्द ही घटना स्थल पर पहुंच रही हैं’.
मार्ग खोलने की प्रक्रिया जारी
हिमस्खलन की घटना के बारे में एसडीआरएफ महानिरीक्षक रिधिम अग्रवाल ने बताया कि माणा गांव के पास हिमस्खलन की घटना में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन (BRO) के कुल 57 श्रमिक प्रभावित हुए हैं. कमांडेंट BRO के अनुसार, अब तक 15 श्रमिक सुरक्षित हैं, जबकि 42 लापता थे. एसडीआरएफ की एक टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है. लामबगड़ में सड़क अवरुद्ध होने के कारण सेना से संपर्क कर मार्ग खोलने की प्रक्रिया चल रही है.
मौसम की स्थिति में सुधार होने का इंतजार
वहीं दूसरी टीम को सहस्रधारा हेलीपैड पर अलर्ट पर रखा गया है. मौसम की स्थिति में सुधार होते ही एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर से निकटतम उपलब्ध स्थान पर उतारा जाएगा. SDRF एवं जिला प्रशासन द्वारा BRO एवं सेना के साथ समन्वय किया जा रहा है. अग्रवाल ने बताया कि SDRF ड्रोन की टीम को भी तैयार रखा गया है. भारी बर्फबारी के कारण फिलहाल ड्रोन ऑपरेशन संभव नहीं हो पाया है.