लगातार हो रहे सड़क हादसों ने बढ़ाई चिंता, चारधाम यात्रा को लेकर बढ़ी प्रशासन की चुनौती

उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से सड़क हादसों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। इन हादसों के लिए उत्तराखंड की खराब सड़कों को जिम्मेदार ठहराया जाए या हादसा होने के बाद सरकारी तंत्र का आंखें मूंद लेना। लगातार हो रहे सड़क हादसों के बाद केवल खानापूर्ति के लिए मेजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए जाते हैं। आगामी 10 मई से चारधाम यात्रा का श्रीगणेश होने जा रहा है। लेकिन सरकार के लिए बढ़ते सड़क हादसे किसी चुनौती से कम नहीं है।

उत्तराखंड में केदारनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 10 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खोले जाएंगे। चारधाम यात्रा को लेकर शासन-प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। वहीं उत्तराखंड में बढ़ते सड़क हादसों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। बता दें उत्तराखड में हो रहे सड़क हादसों में अभी तक सैकड़ों लोगों की जिंदगी छीन ली है।

बढ़ते सड़क हादसों ने बढ़ाई चिंता
चार मई को मसूरी-देहरादून मार्ग पर चूनाखाल के पास एक कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में चार युवकों समेत एक युवती की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था की मृतकों के शव सड़क पर बिखर गए। हादसे की वजह तेज रफ्तार या चालक को नींद की झपकी आना बताया गया। जिस जगह पर हादसा हुआ वहां सड़क पर तीव्र मोड़ है।

अधिकतर ड्राइवर मोड़ पर तेज रफ्तार वाहन को नियंत्रण नहीं कर पाते। वहीं दूसरा हादसा 29 अप्रैल का है। जहां हरियाणा से मसूरी घूमने आए पर्यटकों की कार हाथी पांव मार्ग पर अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। इस हादसे में तीन पर्यटकों की मौके पर पर ही मौत हो गई।

चारधाम यात्रा 2023 के दौरान हुए थे ये बड़े हादसे
उधर चारधाम यात्रा 2023 के दौरान ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर कौडियाला के पास गुजरात के श्रद्धालुओं से भरी बस अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई। हादसे में एक महिला यात्री की मौत हो गई। जबकि 16 लोग घायल हुए थे। हादसे की वजह ये बताई गई थी कि बार-बार ढलान होने के कारण बस के ब्रेक गर्म हो गए थे। जिस वजह से चालक ब्रेक नहीं लगा पाया और बस अनियंत्रित होकर पलट गई ।

हाथ पर हाथ धरे बैठा है प्रशासन
बता दें सड़क हादसों की मुख्य वजह यात्रा मार्गों पर बोटल नेक (संकरे मोड़), ब्लैक स्पॉटों पर चेतावनी बोर्ड का ना होना, पैराफिट न होना और चालकों का तेज रफ्तार में वाहन भगाना है। जिसके चलते कई लोगों की जान जा चुकी है। बावजूद इसके शासन प्रशासन आंखें मूंदे हुए है।

सड़क सुधारीकरण के लिए दिया था करोड़ों का प्रावधान
चारधाम यात्रा रूट पर बीते वर्ष सुधारीकरण के लिए लिए सरकार की ओर से 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से फंड्स की परवाह न करते हुए सड़क सुरक्षा के कार्यों को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके सड़क हादसों का सिलसिला नहीं थमा। चारधाम यात्रा का श्रीगणेश 10 मई से होने जा रहा है अब देखने वाली बात होगी की सरकार किस तरह सड़क हादसों पर रोक लगा पाती है।

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