भाजपा में बहती है भ्रष्टाचार उन्मूलक निर्मल गंगा, BJP ज्वाइन करते ही धुल जाते हैं भ्रष्टाचार के पाप – करन माहरा

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ की जा रही सीबीआई, ईडी की छापेमारी पर कहा कि भाजपा में भ्रष्टाचार उन्मूलक निर्मल गंगा बहती है। जैसे ही कोई नेता भाजपा को ज्वाइन करता है तो उसके सारे भ्रष्टाचार के पाप धुल जाते हैं।

सीबीआई, ईडी की छापेमारी पर बोले करन माहरा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ की जा रही सीबीआई, ईडी की छापेमारी तथा कानूनी कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार उन्मूलक निर्मल गंगा है। उसमें शामिल होते ही भ्रष्टाचार के सारे पाप धुल जाते हैं तथा ईडी, सीबीआई की कार्रवाई दम तोड़ देती है।

इसके साथ ही उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, शुभेंदु अधिकारी, जितेंद्र तिवारी, हार्दिक पटेल, अजित पवार, मुकुल रॉय सहित अन्य कई भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं की लम्बी फेहरिस्त का हवाला देते हुए कहा कि जब तक ये नेता विपक्ष में थे तभी तक भ्रष्टाचारी थे। भाजपा में शामिल होते ही उन्हें भ्रष्टाचार उन्मूलक गंगा के जल से नहलाकर पाप मुक्त करने का अवसर दिया गया तथा सीबीआई और ईडी जैसी केन्द्रीय ऐजेंसियों को आगे की कार्रवाई न करने के सख्त निर्देश दिए गए।

बीजेपी ज्वॉइन करते ही सीबीआई बंद कर देती है फाइल
करन माहरा ने कहा कि असम में कांग्रेस की तरुण गोगोई सरकार में मंत्री रहते हुए हेमन्त बिस्वा सरमा पर शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई ने केन्द्र की भाजपा सरकार के इशारे पर सरमा पर आरोप लगाया था कि शारदा ग्रुप के डायरेक्टर सुदीप्त सेन से 20 लाख रुपए हर महीने लिए जिससे ग्रुप का कामकाज बेहतर तरीके से चल सके। इस मामले के तहत सीबीआई ने अंतिम बार बिस्वा सरमा से 27 नवंबर 2014 को पूछताछ की थी तथा हेमंत बिस्वा सरमा के अगस्त 2015 में बीजेपी ज्वॉइन करते ही सीबीआई ने उनकी फाइल बंद कर दी और वे आज पापमुक्त (भ्रष्टाचार मुक्त) होकर अभी भी असम के मुख्यमंत्री हैं।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार दूसरे नेता शुभेंदु अधिकारी जो पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में कद्दावर मंत्री रहे उन पर आरोप था कि शारदा ग्रुप के डायरेक्टर सुदीप्त सेन का फेवर लेने तथा शारदा घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पूछताछ शुरू की थी। इसके साथ ही शुभेंदु अधिकारी पर नारदा स्टिंग ऑपरेशन में भी पैसा लेने का आरोप लगा था। जिसकी जांच ईडी ने शुरू की थी लेकिन शुभेन्दु अधिकारी के भाजपा मे शामिल होते ही उन पर लगाए गए आरोप गधे के सिर से सींग की तरह गायब हो गए। अब वो वर्तमान में पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता यानी नेता प्रतिपक्ष हैं।

भाजपा में वापसी के बाद येदियुरप्पा को मिल गई क्लीन चिट
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इसी प्रकार जितेंद्र तिवारी जिन पर मोदी सरकार में मंत्री रहे बाबुल सुप्रीयो ने कोयला चोर और तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उनका खुलकर विरोध किया था। लेकिन जैसे ही जितेन्द्र तिवारी भाजपा मे शामिल होकर निर्मल गंगा में नहाते हैं उनपर सीबीआई का एक्शन रूक जाता है। उन्होंने कहा कि एक और महाराष्ट्र के नेता पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे जिन पर भाजपा के ही नेता किरीट सोमैया ने मनी लॉन्ड्रिंग तथा आदर्श सोसायटी मामले में हेरफेर का आरोप लगाया था। 2012 में किरीट सोमैया ने सीबीआई को 1300 पन्नों का एक दस्तावेज भी सौंपा था। साल 2017 में ईडी को पत्र लिखकर नारायण राणे की संपत्ति की जांच करने की मांग की थी।

नारायण राणे को भी भाजपा ने अपनी पार्टी की वाशिंग मशीन में डालकर पाक-साफ कर दिया है तथा सीबीआई और ईडी ने नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर जांच रोक दी है तथा वे आज नरेन्द्र मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं।
माहरा ने कहा कि कर्नाटक में बीजेपी का चेहरा बीएस येदियुरप्पा पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। येदियुरप्पा को इसकी वजह से मुख्यमंत्री की कुर्सी भी छोड़नी पड़ी थी।

येदियुरप्पा पर 2011 में 40 करोड़ रुपए लेकर अवैध खनन को शह देने का आरोप लगा था और लोकायुक्त ने उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी किया था। साल 2013 के चुनाव में येदियुरप्पा अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा और भाजपा को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। इसके बाद येदियुरप्पा की भाजपा में वापसी हुई और भाजपा की भ्रष्टाचार उन्मूलक गंगा में डुबकी लगाने के बाद पूर्वानुमान के अनुरूप 2016 में सीबीआई की विशेष अदालत ने येदियुरप्पा को क्लीन चिट दे दी। इसके साथ ही माहरा ने कई नेताओं के नाम गिनाए हैं और कहा है कि जब वो बीजेपी में नहीं थे तो उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की तो उन सभी को क्लीन चिट दे दी गई।

मोदी सरकार पर कैग रिपोर्ट में लगे हैं अनियमिताओं के आरोप
करन माहरा ने कहा कि ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ के नारे के साथ सत्ता की कमान संभालने वाले नरेंद्र मोदी सरकार पर कैग ने आपनी रिपोर्ट में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में 7.30 लाख करोड़ की अनियमिताओं का आरोप लगाया है। उसके कई सिपहसालार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे रहे।

तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे ‘ललितगेट’ में फंसे हैं। जबकि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के विरुद्ध फर्जी डिग्री का मामला अदालत में चल रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व्यापमं घोटाले में धंसते जा रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे पर करोड़ों रुपए के ठेकों में हेराफेरी का आरोप है। उन्होंने कहा कि भाजपा रूपी हमाम में सब नंगे हैं परन्तु केन्द्र की मोदी सरकार ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल केवल विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ करती है तथा भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में ईडी और सीबीआई के हाथ कांपते हैं।

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