



पोस्टमार्टम में परिजनों की अनुमति न लेना बना विवाद का विषय
बुलंदशहर skt. com
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के धारी विकासखंड के एक युवक कमल सिंह की करंट लगने से मौत का मामला सामने आया है। घटना उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के खानपुर क्षेत्र की है, जहां वह युवक प्रवास में रहकर कार्यरत था। घटना को लेकर कई पहलुओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं, खासकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को लेकर।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, युवक की मृत्यु कथित तौर पर पानी गर्म करने वाली इलेक्ट्रिक रॉड से करंट लगने से हुई थी। हालांकि गांव में मौजूद कुछ स्थानीय सूत्रों के अनुसार, ट्रिमर मशीन से करंट लगने से मृत्यु हुई बताते हैं, जिससे दुर्घटना की परिस्थितियों पर संदेह उत्पन्न हुआ है।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि घटना के तीन दिन बाद शव को सुपुर्द किया गया, तब तक शव का पोस्टमार्टम प्रशासन द्वारा करवा दिया गया था, जबकि परिवार की कोई स्पष्ट सहमति नहीं ली गई थी। शव उन्हें अत्यंत दयनीय स्थिति में सौंपा गया, जिससे वे मानसिक रूप से आहत हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, मृतक युवक कुछ वर्षों से खानपुर क्षेत्र में काम कर रहा था। यह स्पष्ट नहीं है कि वह किस संस्थान में कार्यरत था, अथवा क्या वह किसी औपचारिक रोजगार प्रणाली से जुड़ा था या नहीं। घटना स्थल पर सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता, विद्युत उपकरणों की स्थिति और कार्यस्थल की मान्यता को लेकर भी कई सवाल अनुत्तरित हैं।
धारी विकासखंड स्थित उसके पैतृक गांव में इस घटना को लेकर चिंता और आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोग प्रवासी उत्तराखंडी श्रमिकों की सुरक्षा, पहचान और सामाजिक अधिकारों को लेकर राज्य सरकार की नीतिगत चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं।