बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश से चंपावत जिले के पर्वतीय क्षेत्र की फसले पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. जिसकी वजह से किसानों को लाखों रुपए का मुकसान हो गया है. सोमवार को किसान यूनियन जिलाध्यक्ष नवीन करायत के नेतृत्व में किसानों ने सरकार से मुआवजा देने और कृषि ऋण माफ करने की मांग को लेकर लोहाघाट में प्रदर्शन किया. इसके साथ ही मांग पूरी न होने पर 18 जुलाई को एसडीएम कार्यालय लोहाघाट में धरना पर बैठने की चेतावनी दी.
जिलाध्यक्ष नवीन करायत व किसान नेताओं ने कहा कि पहले लंपी वायरस ने किसानों की कमर तोड़ी. उसके बाद सुखे की मार किसानों पर पड़ी. जैसे तैसे किसानों ने सब्जियां व अन्य फसले उगाई थी. मूसलाधार बारिश ने उन फसलों को पूरी तरह तबाह कर दिया. किसान नेताओं ने सरकार से किसानों को मुआवजा देने और कृषि ऋण माफ करने की मांग की है. किसानो ने कहा सरकार को चंपावत जिले के किसानों का दर्द दिखाई नहीं दे रहा है. जबकि चंपावत के विधायक खुद मुख्यमंत्री हैं.
किसानों ने की मुआवजे की मांग
किसानों का कहना है की आलू, शिमला मिर्च, कद्दू, करेले, टमाटर की फसले पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. किसानों ने कहा किसान अपनी इन फसलों को बेचकर आजीविका कमाते हैं. फसले बर्बाद होने से इसका असर बाजार में दिख रहा है. जहां जनता को आज तिगुने दामों में सब्जियां खरीदनी पड़ रही है. किसान नेताओं ने सरकार से किसानों को मुआवजा देने और कृषि ऋण माफ करने की मांग की है. मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है