हरिद्वार लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत को टिकट मिलने के बाद भाजपा के निशाने पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आ गए हैं। भाजपा के नेता हरीश रावत को जमकर कोसने का काम कर रहे हैं। जाने क्यों हरदा पर भाजपा आक्रमण कर रही है।
लोकसभा चुनाव को लेकर जहां उत्तराखंड में नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। वहीं हरिद्वार लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाए जाने पर भाजपा हरीश रावत पर हमलावर नजर आ रही है। भाजपा के तमाम बड़े नेता हरीश रावत पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि हरीश रावत परिवारवाद को उत्तराखंड में बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।
उत्तराखंड में हरीश रावत परिवारवाद को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। यही वजह है कि हरीश रावत जहां खुद कई चुनाव लड़ चुके हैं तो वहीं पत्नी को भी चुनाव लड़ा चुके हैं और पुत्री को विधायक बना चुके हैं। अब पुत्र वीरेंद्र रावत को वो मैदान में उतार चुके हैं। भाजपा के चुनाव प्रदेश प्रभारी बनाए गए दुष्यंत गौतम का कहना है कि हरीश रावत परिवारवाद को बढ़ावा देने का काम उत्तराखंड में कर रहे हैं।
परिवारवाद पर बोलने का भाजपा का कोई अधिकार नहीं
भाजपा के द्वारा हरीश रावत पर परिवारवाद के आप को लेकर हरीश रावत के पुत्र आनंद रावत का बयान भी सामने आया है। आनंद रावत का कहना है कि परिवारवाद पर बोलने का भाजपा का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि भाजपा में कई विधायक और सांसद परिवारवाद के चलते बने हैं।
जहां तक हरीश रावत के ऊपर भाजपा नेताओं के हमले की बात है तो हरीश रावत पर भाजपा जिस तरीके से हमले कर रही है वो महाभारत के युद्ध की याद दिलाता है। जिसमें कौरव अर्जुन को घेरने का तमाम प्रयास करते हैं लेकिन अर्जुन आखिरी चक्रव्यूह को भेदने में कामयाब हुए थे। ठीक उसी तरीके से हरीश रावत चक्रव्यूह को भेदने में कामयाब होंगे और हरिद्वार सीट पर वीरेंद्र रावत की जीत होगी।
BJP के मुंह से परिवारवाद पर हमला अच्छा नहीं लगता
हरीश रावत की भतीजी और कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि भाजपा के मुंह से परिवारवाद पर हमला करना अच्छा नहीं लगता है क्योंकि टिहरी लोकसभा सीट पर भाजपा लंबे समय से राज परिवार को ही टिकट देती आई है। दसौनी का कहना है कि भाजपा को ये भी बताना चाहिए कि जब वो परिवारवाद पर हमला करते हैं तो कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा किसके पुत्र, नेहा जोशी किसकी पुत्री हैं, सविता कपूर किसकी पत्नी हैं, पार्वती दास किसकी पत्नी हैं, महेश जीना किसके भाई हैं, विकास भगत कौन हैं और चंद्रा पंत कौन है।
उत्तराखंड में सियासी पारा हाई
लोकसभा चुनाव का बिल्कुल बजते ही उत्तराखंड में सियासी पारा हाई होता हुआ नजर आ रहा है। उत्तराखंड में भले ही इस बार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद चुनाव ना लड़ रहे हैं लेकिन भाजपा उन पर निशाना साधने का काम कर रही है। ऐसे में देखना ही होगा कि परिवारवाद को लेकर जो आरोप बीजेपी हरीश रावत पर लगा रही है और कांग्रेस बीजेपी पर लगा रही है उससे लोकसभा चुनाव में सियासी नफा नुकसान किसको ज्यादा होता है।