कांग्रेस ने इस बार भी लोकसभा चुनावों में उत्तराखंड की पांच सीटों में से एक सीट भी नहीं जीत पाई। कांग्रेस की ये हार लोकसभा चुनावों में हार की हैट्रिक है। साल 2014, साल 2019 और अब 2024 में कांग्रेस लेकसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाई। उत्तराखंड में कांग्रेस की हार पर कांग्रेस हाईकमान गंभीर है और अब उम्मीदवारों से हार का कारण भी पूछा जाएगा।
लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने हार की हैट्रिक लगा दी है। साल 2014, साल 2019 और अब 2024 के लोकसभा चुनावों में उत्तराखंड में कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। साल 2009 के बाद कांग्रेस उत्तराखंड में एक भी सीट नहीं जीत पाई है। साल 2009 में कांग्रेस ने पांचों सीटों पर जीत हासिल की थी।
कांग्रेस की हार की हैट्रिक पर आलाकमान गंभीर
लगातार तीन लोकसभा चुनावों में हार पर अब कांग्रेस आलाकमान गंभीर नजर आ रहा है। उत्तराखंड कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं, प्रदेश अध्यक्ष और उम्मीदवारों को दिल्ली तलब किया गया है। बताया जा रहा है कि पार्टी इन सभी से लोकसभा चुनावों में हार की वजह पूछेगी। इसके साथ ही भविष्य की रणनीति भी बनाई जाएगी।
सिलसिलेवार हार ने खड़े किए कई सवाल
2009 के बाद से अब तक हर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हुई सिलसिलेवार हार ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां इस बार लोकसभा चुनाव में मैदानी सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन ठीक रहा तो वहीं पहाड़ में फिर वोटबैंक कम हो गया। यहां तक साल 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जहां जीत हासिल की थी उन में से भी कुछ जगहों पर कांग्रेस का वोट प्रतिशत गिरा है।
भले ही लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस आलाकमान की कोई दिलचस्पी उत्तराखंड में देखने को न मिली हो। लेकिन अब कांग्रेस देश के कुछ राज्यों में अच्छे प्रदर्शन के बाद उत्तराखंड में भी अपना प्रदर्शन सही करना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस एक नए सिरे से शुरूआत कर रही है। बताया जा रहा है कि जहां एक ओर हार की वजह पूछी जाएगी तो वहीं टिकट बंटवारे में क्या कमियां रहीं इस पर भी मंथन किया जाएगा।