केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक मनोज रावत को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं बीजेपी ने भी पूर्व विधायक आशा नौटियाल को मैदान में उतारा है।
केदारनाथ विधानसभा सीट से जुड़े फैक्टस
- केदारनाथ विधानसभा सीट सामान्य श्रेणी की सीट है। ये रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है जो कि गढ़वाल संसदीय सीट के अंतगर्त आती है।
- केदारनाथ विधानसभा में कुल 90 हजार 540 मतदाता इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इन मतदाताओं में 44 हजार 765 पुरुष मतदाता हैं और 45 हजार 565 महिला मतदाता हैं।
- केदारनाथ विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 18,150 हैं। जो कि साल 2011 की जनगणना के मुताबिक लगभग 20.32% है। अनुसूचित जनजाति के मतदाता लगभग 152 हैं।
- साल 2011 की जगनणना के मुताबिक इनका प्रतिशत लगभग 0.17% है। वहीं ग्रामीण मतदाता 88,858 हैं जिनका प्रतिशत 99.48% है और शहरी मतदाता लगभग 464 हैं जिनका प्रतिशत 0.52% है।
केदारनाथ विधानसभा सीट का इतिहास
- साल 2002 में इस सीट से भाजपा की आशा नौटियाल ने जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस की शैलारानी रावत को हराया था। इसी के साथ आशा नौटियाल इस सीट पर विधायक बनने वाली पहली महिला बन गई।
- साल 2007 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा की आशा नौटियाल और कांग्रेस के कुंवर सिंह नेगी आमने-सामने थे। इस चुनाव में भी भाजपा की जीत हुई है और आशा रानी रावत विधायक बनी।
- साल 2012 में कांग्रेस से शैलारानी रावत और बीजेपी से आशा नौटियाल एक बार फिर से मैदान में उतरे। जिसमें कांग्रेस से शैलारानी रावत ने जीत दर्ज की।
- साल 2017 के विधानसभा चुनावों में जब पूरे देश में मोदी लहर थी तब भी कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। दरअसल साल 2016 में कांग्रेस में बगावत हुई और कांग्रेस की शैलारानी रावत ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था। जिसके बाद भाजपा ने बीजेपी से आशा नैटियाल का टिकट काट दिया और शैलारानी रावत को प्रत्याशी बनाया।
- शैलारानी रावत के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस ने मनोज रावत को अपना प्रत्याशी बनाया। लेकिन अपना टिकट कटने से नाराज होकर आशा नैटियाल ने यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ा। आशा नौटियाल ने भारी मात्रा में बीजेपी के वोट काटे जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को हुआ और प्रचंड मोदी लहर में भी कांग्रेस के मनोज रावत जीत गए।
- साल 2022 में बीजेपी ने एक बार फिर से शैलारानी रावत को टिकट दिया। जबकि कांग्रेस ने मनोज रावत पर ही दांव खेला। लेकिन इस बार निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत भी मैदान में उतरे। शैलारानी रावत ने निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत को मात देकर जीत दर्ज की।