Kedarnath by-poll : केदारनाथ उपचुनाव में कौन किस पर भारी, क्या कहते हैं समीकरण ?

केदारनाथ उपचुनाव

केदारनाथ उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल है। केदारनाथ में सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है। दोनों पार्टियों ने पूर्व विधायकों को ही मैदान में उतारा है। बीजेपी की आशा नौटियाल और कांग्रेस के मनोज रावत आमने-सामने हैं। माहौल देख कहा जा सकता है कि इस बार मुकाबला कड़ा रहने वाला है।

केदारनाथ उपचुनाव है बेहद खास

केदारनाथ उपचुनाव के लिए कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जहां कांग्रेस सोना चोरी और केदारनाथ के कई मुद्दों को लेकर मैदान में है तो वहीं बीजेपी विकास की बात कर रही है। दोनों ही पार्टियों के लिए इस चुनाव में जीत बेहद ही अहम है। जहां बीजेपी के लिए ये साख का सवाल है तो वहीं कांग्रेस के लिए ये संजीवनी का काम कर सकता है।

केदारनाथ उपचुनाव में कौन किस पर भारी ?

केदारनाथ उपचुनाव की बात करें तो यहां मुकाबला काग्रेस और बीजेपी के बीच का है। केदारनाथ विधानसभा चुनाव को लेकर अगर समीकरणों को देखा जाए तो ये समझा जा सकता है कि यहां किसका पलड़ा भारी है। बता दें कि राज्य गठन के बाद से अब तक यहां कांग्रेस और बीजेपी में ही टक्कर रही है। इस सीट पर पांच बार चुनाव हो चुके हैं। जिसमें से तीन बार बीजेपी ने बाजी मारी है तो वहीं दो बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है।

पिछले चुनावों के आंकड़ों पर एक नजर डाली जाए तो बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आता है। लेकिन अगर साल 2017 के चुनाव को देखा जाए तो प्रचंड मोदी लहर में भी इस सीट पर कांग्रेस ने बाजी मारी थी। जिस से ये समझा जा सकता है कि कांग्रेस की भी इस सीट पर अच्छी पकड़ है और इस बारे कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।

महिलाएं इस सीट पर बनेंगी भाग्य विधाता

केदारनाथ विधानसभा में महिलाएं अहम फैक्टर हैं। यहां महिलाएं कांग्रेस और बीजेपी के लिए भाग्यविधाता बनेंगी। या यूं भी कह सकते हैं कि महिलाओं के हाथ में ही केदारनाथ उपचुनाव की जीत की चाबी है। बता दें कि केदारनाथ विधानसभा में कुल 90 हजार 540 मतदाता इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

इन मतदाताओं में 44 हजार 765 पुरुष मतदाता हैं और 45 हजार 565 महिला मतदाता हैं। यानी कि इस सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि महिलाओं का वोट जिस तरफ ज्यादा होगा उस पार्टी की जीत होगी।

इसके साथ ही एक फैक्ट इस सीट से जुड़ा हुआ ये भी है कि अब तक हुए सभी चुनावों में केदारनाथ विधानसभा से महिला विधायक ही चुनी गई है। सिर्फ साल 2017 में ही ऐसा हुआ था जब यहां से महिला विधायक नहीं चुनी गई थी। ऐसे में बीजेपी का महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारना और महिला वोटर्स का ज्यादा होना भी चुनाव की दिशा को बदल सकता है।

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