केदारनाथ में पांचवें दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी है. घायल, बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए ट्रॉली से एक बार फिर रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है. जिलाधिकारी सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक विशाखा भदाणे मौके से लगातार सभी कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं. 6 ग्रेनेडियर यूनिट सीओ कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है।
बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए ट्रॉली से शुरू हुआ रेस्क्यू
सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाने के लिए सेना और अन्य सुरक्षा बल तत्परता से कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा गौरीकुंड की ओर फंसे घायल, बुजुर्ग एव दिव्यांगों को रेस्क्यू करने के लिए सेना ने एक ट्रॉली स्थापित कर दी है. रविवार को चलने में असमर्थ लोगों के अलावा कई बुजुर्ग और घायलों को इससे रेस्क्यू किया गया. इसके अलावा सेना के कुछ जवान भीमबली के पास वाश आउट हुए रास्तों का मुआयना भी कर चुके हैं. बता दें इन रास्तों को पुनर्स्थापित करने की योजना तैयार की जा रही है।
DM ने दिए सुरक्षा दीवार और पुश्तों का निर्माण शुरू करने के निर्देश
वहीं डॉग टीम स्निफर डॉग की मदद से सर्च अभियान भी शुरू कर चुकी है। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को वाश आउट क्षेत्रों में सुरक्षा दीवार और पुश्तों का निर्माण जल्द शुरू करवाने के निर्देश दिए हैं. खाद्य विभाग को सभी स्थानों पर फूड पैकेट्स, पानी और भोजन व्यवस्था निरंतर करने के निर्देश भी दिए. इसके अलावा कमांडेंट एनडीआरएफ सुदेश कुमार, कमांडेंट एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा पूरे रेस्क्यू पर नजर बनाए हुए हैं. बता दें अभी तक रेस्क्यू टीम 10 हजार से अधिक यात्रियों का रेस्क्यू कर चुकी है