
नैनीताल। हाई कोर्ट ने विशेष न्यायालय (पॉक्सो) टिहरी गढ़वाल के नाबालिग से दुष्कर्म मामले से संबंधित मामले को रद करने की मांग करती याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने उत्तराखंड अनिवार्य विवाह पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत जोड़े के विवाह की जानकारी मिलने के बाद पूरे मामले को रद करने का आदेश पारित किया है।
कोर्ट ने कहा कि यदि कार्रवाई जारी रहने दी गई, तो यह पक्षों को पूर्ण न्याय से वंचित करने के समान होगा। दरअसल मई 2021 में, नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार के मामले में युवक के विरुद्ध आईपीसी और पॉक्सो अधिनियम से संबंधित धाराओं में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की।
शुक्रवार न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकल पीठ के समक्ष युवक व युवती वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुई। उन्होंने कहा कि उनकी शादी पांच अगस्त 2024 को हुई थी और उनका विवाह पंजीकृत हो चुका है, दोनों पति-पत्नी के रूप में खुशी-खुशी रह रहे हैं।
शुक्रवार न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकल पीठ के समक्ष युवक व युवती वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुई। उन्होंने कहा कि उनकी शादी पांच अगस्त 2024 को हुई थी और उनका विवाह पंजीकृत हो चुका है, दोनों पति-पत्नी के रूप में खुशी-खुशी रह रहे हैं।
न्यायालय ने पाया कि आवेदक और पीड़िता ने विवाह कर लिया है और वह सुखपूर्वक रह रहे हैं। कहा कि परिस्थितियों में, यदि कार्रवाई जारी रहने दी जाती है, तो यह पक्षकारों को पूर्ण न्याय से वंचित करने के समान होगा। इसलिए, यह एक ऐसा मामला है, जिसमें वास्तविक और ठोस न्याय करने के लिए इस न्यायालय के अंतर्निहित अधिकार क्षेत्र का प्रयोग किया जाना चाहिए।